दवाइयों के सैंपल फेल होने पर एक्शन मोड में आए स्वास्थ्य मंत्री, किया ये ऐलान

Tuesday, Feb 13, 2018 - 11:49 PM (IST)

शिमला: प्रदेश में गत दिनों फेल हुए कुछ दवाइयों के सैंपल को लेकर स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने दोषी दवा निर्माताओं के खिलाफ  कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार समय-समय पर विभिन्न दवाइयों की गुणवत्ता जांचने के लिए सैंपलिंग करवाती है और इसके दृष्टिगत पिछले कुछ महीनों के दौरान राज्य में कुल 1,065 दवाइयों के सैंपल लिए गए जिनमें से 33 सैंपल फेल हुए हैं। मंत्री ने दवाइयों के सैंपल फेल होने पर चिंता जाहिर करते हुए ऐसी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही है। 

लोगों के जीवन से खिलवाड़ की किसी को नहीं अनुमति
मंत्री ने कहा कि लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती है। राजनीतिक संरक्षण में दवाइयों का निर्माण कर रहीं इन कंपनियों की मनमानी अब कतई नहीं चलेगी। उन्होंने दोषी कंपनियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। हालांकि जिन दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं, उनके उत्पादकों को पहले ही नोटिस जारी किए जा चुके हैं और ऐसी दवाइयों को बाजार से तुरंत हटाने को कहा गया है। विभाग लगातार ऐसी दवाइयों पर नजर रखे हुए है और किसी भी स्तर पर कोताही को बख्शा नहीं जाएगा। 

बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता
मंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इस संबंध में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माण की बात हो, इन संस्थानों में अधोसंरचना उपलब्ध करवाने की बात हो या फिर दवाइयों के उत्पादन की बात हो किसी भी स्तर पर कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जा सक ता। शिकायतों से निपटने को लेकर सरकार संवेदनशील है और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को लेकर शून्य सहिष्णुता के मानदंडों को अपना रही है। 

इन दवा कंपनियों के सैंपल हुए हैं फेल 
राज्य की कुछ दवा कंपनियां जिनमें मैडिपोल, अल्ट्रा, एफाईन, अल्ट्राटैक, पार्क स्पैन, एडमिन व एच.एल. हैल्थ केयर शामिल हैं, उनकी कुछ दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं और इन कंपनियों को सख्त नोटिस जारी किए गए हैं। मंत्री ने कहा कि ऐसी दवा कंपनियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और कोई भी कंपनी यदि नियमों का उल्लंघन करती है अथवा अवमानक दवाई का निर्माण करती है तो ऐसी कंपनी का लाइसैंस तक रद्द किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्री ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को अवमानक दवाइयों की आमद अथवा बाजार में उपलब्धता पर हर वक्त निगरानी रखने व दवाइयों को तुरंत बाजार से हटवाने तथा दोषियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।