स्कूलों में रिक्त पदों लेकर हाईकोर्ट सख्त, प्रधान सचिव शिक्षा को दिए ये आदेश

Thursday, Jul 12, 2018 - 09:38 PM (IST)

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के मामले में प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रधान सचिव शिक्षा को शपथ पत्र के माध्यम से रिक्त पदों का स्पष्ट ब्यौरा देने को कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए हैं। प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष कोर्ट मित्र ने न्यायालय को बताया कि प्रधान सचिव शिक्षा द्वारा दायर किया शपथ पत्र शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मुताबिक नहीं है। विशेषत: शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार यह स्पष्ट किया गया है कि शिक्षकों की तैनाती विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से होगी। राज्य सरकार ने हालांकि 9 जुलाई को 1331 व 1036 शिक्षकों के पदों को भरने के लिए कदम उठाए हैं जबकि उनके मुताबिक 14,354 पद अभी तक रिक्त पड़े हैं।


1 अगस्त तक कोर्ट में दायर करना होगा शपथ पत्र
कोर्ट मित्र ने न्यायालय को यह भी बताया कि प्रधान सचिव न्यायालय को रिक्त पदों बारे स्पष्ट ब्यौरा देने में नाकाम रहे हैं। उनके अनुसार शिक्षा विभाग की ओर से जो कदम उठाए गए हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप उठाए गए कदम नाकाफी हैं। प्रदेश उच्च न्यायालय ने कोर्ट मित्र द्वारा न्यायालय के समक्ष रखीं दलीलों व कोर्ट में दायर नोट के दृष्टिगत शिक्षा सचिव को शपथ पत्र दाखिल करने के लिए 1 अगस्त तक का समय दिया है। मामले पर सुनवाई 1 अगस्त को होगी। वहीं शिक्षा सचिव ने हाईकोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार ही शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे।

Vijay