निजी स्कूलों की मनमानी पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार-विभाग से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

Friday, Aug 11, 2017 - 12:45 AM (IST)

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के सभी निजी स्कूलों द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना जारी है। प्रदेश के करीब 23,000 निजी स्कूलों में से अधिकतर स्कूलों में न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की जा रही है, जिस पर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। इन स्कूलों पर अवमानना कार्रवाई तय मानी जा रही है। प्रदेश के कई निजी स्कूलों में फीस के नाम पर अवैध फंड अभिभावकों से वसूले जा रहे हैं। यहां तक कि प्रदेश के प्रतिष्ठित निजी स्कूलों में कापी, किताबों से लेकर वर्दी व जूते स्कूल के अंदर ही बेचे जा रहे हैं। सोसायटी एक्ट के तहत पंजीकृत निजी स्कूल अपने व्यापारिक हितों की पूर्ति कर रहे हैं तथा अपना व्यापारिक साम्राज्य स्थापित कर रहे हैं।

अवैध फंड वसूले जाने पर अभिभावकों में रोष
निजी स्कूलों द्वारा अवैध फंड वसूले जाने पर अभिभावकों में रोष है। निजी स्कूलों की मनमानी पर हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है, साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों को व्यापारिक गतिविधियों बंद करने के आदेश दिए हैं। यहीं नहीं, कुछ निजी स्कूल छात्रों से हर साल एडमिशन फीस वसूलते हैं, वहीं हर साल अत्यधिक फीस बढ़ाते हैं। इस संदर्भ में अभिभावकों ने संबंधित विभाग से शिकायत भी की थी लेकिन कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा सकी। अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूलों की मनमानी के कारण उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि इस पर रोक लगाना बेहद जरूरी है। उन्होंने संबंधित विभाग से जल्द कार्रवाई करने की मांग की है, वहीं उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार और संबंधित विभाग से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। 

जनहित याचिका के बाद लिया कड़ा संज्ञान
निजी स्कूलों द्वारा अवैध वसूली और अन्य व्यापारिक गतिविधियों को बंद करने के लिए हिमालयन पर्यावरण संरक्षण संस्था के अध्यक्ष अभिषेक राय ने प्रदेश हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर उच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग से जवाब मांगा है। 

क्या कहते हैं डी.सी. कुल्लू
डी.सी. कुल्लू यूनुस खान ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन किया जा रहा है। निजी स्कूलों में अवैध फंड और अन्य व्यापारिक गतिविधियां न हों, इसके लिए शिक्षा विभाग के प्रारंभिक और उच्च शिक्षा उपनिदेशक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है, जो समय-समय पर निजी स्कूलों का निरीक्षण करेगी। कमेटी ने अभी तक कितने स्कूलों का निरीक्षण किया है, इसका जवाब मांगा गया है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाएगी।