वन भूमि पर अवैध कब्जों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, सरकार को लगाई फटकार

Wednesday, Jul 11, 2018 - 09:18 PM (IST)

शिमला: वन भूमि से अवैध कब्जे हटाने के मामले में प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया कि कोर्ट द्वारा समय-समय पर पारित आदेशों की अक्षरश: अनुपालना सुनिश्चित की जाएगी। हाईकोर्ट ने वन भूमि पर सेब के बगीचे लगाकर अवैध कब्जे करने के मामले में उचित कार्रवाई न होने पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ताजा स्टेटस रिपोर्ट व एमिक्स क्यूरी के सुझावों पर अपनी रिपोर्ट दायर न करने पर सरकार को फटकार लगाई। एमिक्स क्यूरी ने कोर्ट को बताया था कि ऐसे अनेकों बड़े-बड़े कब्जाधारी हैं जो वन विभाग की कार्रवाई में शामिल ही नहीं हैं और स्थानीय लोग ऐसे कब्जाधारियों की जानकारी उन्हें पत्र के माध्यम से दे रहे हैं।


8 बड़े कब्जाधारियों पर नहीं हुुई कार्रवाई
एमिक्स क्यूरी ने 8 ऐसे ही बड़े कब्जाधारियों का हवाला देते हुए बताया कि इनके खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है जबकि ये बड़े रसूख के साथ-साथ बड़े कब्जाधारी भी हैं। इन 8 कब्जाधारियों में तहसील जुब्बल में गांव बधाल के पूर्व उपप्रधान बागमल रिखटा, पूर्व उपप्रधान राजेश पिरटा, मौजूदा प्रधान महेंदर, पंचायत सदस्य गुलट राम जेहटा, जुब्बल हाटकोटी रेंज में तैनात वन विभाग के बी.ओ. लोकेंद्र सिंह, गीता राम पीरटा, चतर सिंह मेहता व उधम लाल चौहान शामिल हैं। वन विभाग की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 2 दिनों के भीतर इनके बारे में पूरी जानकारी जुटा ली जाएगी और एक सप्ताह में कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


एक सप्ताह के भीतर दायर करनी होगी स्टेटस रिपोर्ट
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने सरकार को एक सप्ताह के भीतर ताजा स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए। इससे पहले कोर्ट ने वन व राजस्व विभाग के संबंधित कर्मियों को आखिरी चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि अगली सुनवाई तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे अवमानना जैसी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। कोर्ट ने बताया था कि अनेकों लोगों ने मुख्य न्यायाधीश व एमिक्स क्यूरी को पत्र लिख कर बड़े कब्जाधारियों के नाम बताए हैं, जिनका वन विभाग की लिस्ट में कोई उल्लेख भी नहीं है। यह दर्शाता है कि वन विभाग किस तरह पिक एंड चूज की नीति पर चल रहा है और कमजोर व बिना पहुंच के लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर आम जनता व हाईकोर्ट की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहा है। मामले पर सुनवाई 20 जुलाई को होगी।

Vijay