हाईकोर्ट ने दिए आदेश, 1900 शिक्षकों की भर्ती का स्पष्ट विवरण करो पेश

Wednesday, Aug 01, 2018 - 10:51 PM (IST)

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के मामले में प्रदेश उच्च न्यायालय ने अधीनस्थ सेवा चयन कमीशन द्वारा हाल ही में भरे जाने वाले 1900 शिक्षकों के पदों के बारे में स्पष्ट विवरण देने के आदेश जारी किए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए हैं। पिछली सुनवाई के दौरान प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष कोर्ट मित्र ने न्यायालय को बताया था कि प्रधान सचिव शिक्षा द्वारा दायर किया शपथ पत्र में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मुताबिक नहीं है विशेषता जब शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार यह स्पष्ट किया गया है कि शिक्षकों की तैनाती विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से होगी।


अभी तक रिक्त पड़े हैं 14354 पद
राज्य सरकार ने हालांकि 9 जुलाई को 1331 व 1036 शिक्षकों के पदों को भरने के लिए कदम उठाए हैं जबकि उनपके मुताबिक 14354 पद अभी तक रिक्त पड़े हैं। कोर्ट मित्र ने न्यायालय को यह भी बताया था कि प्रधान सचिव न्यायालय को रिक्त पदों के बारे में स्पष्ट ब्यौरा देने में नाकाम रहे हैं। उनके अनुसार शिक्षा विभाग की ओर से जो कदम उठाए गए हैं वह पर्याप्त नहीं हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप उठाए गए कदम नाकाफी हैं।


2 अगस्त को होगी मामले की सुनवाई
पिछली सुनवाई के दौरान प्रधान सचिव शिक्षा को शपथ पत्र के माध्यम से रिक्त पदों का स्पष्ट ब्यौरा देने को कहा था। इसके अलावा प्रदेश उच्च न्यायालय ने कोर्ट मित्र द्वारा न्यायालय के समक्ष रखी दलीलों व कोर्ट में दायर नोट के दृष्टिगत शिक्षा सचिव को शपथ पत्र दाखिल करने के लिए बुधवार तक का समय दिया था लेकिन उन्होंने इस बाबत अतिरिक्त समय देने के लिए हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन दाखिल किया है। मामले पर सुनवाई 2 अगस्त को होगी।

Vijay