रघुनाथ मंदिर अधिग्रहण मामले पर HC का बड़ा फैसला, महेश्वर बोले-भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं

Tuesday, Jan 30, 2018 - 08:31 PM (IST)

कुल्लू: भगवान रघुनाथ मंदिर अधिग्रहण मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए मामले को खारिज किया है और याचिका पर फैसला देते हुए जस्टिस आर.के. अग्रवाल और ए.एम. सप्रे की पीठ ने रघुनाथ मंदिर को महेश्वर सिंह की निजी संपत्ति बताया है, वहीं इससे पहले प्रदेश की भाजपा सरकार ने पूर्व सरकार के मंदिर अधिग्रहण के फैसले को भी निरस्त किया था। भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं। उन्होंने कहा कि हम पर आरोप लगाए गए थे कि मंदिर में करोड़ों रुपए की आय का कोई लेखा-जोखा नहीं है, तय आय से ज्यादा आय मंदिर की दिखाई गई और दशहरा मेले का दुरूपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने मंदिर को कब्जे में लेने के लिए अधिग्रहण किया था और मौजूदा भाजपा की सरकार ने पूर्व सरकार के अधिग्रहण को निरस्त किया। 

सुप्रीम कोर्ट ने छानबीन के बाद बंद किया केस
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाया था और छानबीन के बाद अधिग्रहण के फैसले को रद्द किया है। उन्होंने कहा कि हमारे अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में पूरा पक्ष रखा, जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय दिया है। उन्होंने कहा कि मंदिर के एक ट्रस्टी ने कोर्ट में आपत्ति भी की थी कि उनकी भी बात सुनी जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर के अधिग्रहण को सरकार ने निरस्त किया है, अब इस पर किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है और अब यह केस बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रघुनाथ मंदिर पर हाईकोर्ट की याचिका खारिज कर दी है। अब सुप्रीम कोर्ट ने रघुनाथ मंदिर को निजी संपत्ति घोषित किया है।

देव नीति में राजनीति गलत 
 उधर, सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेशों से देव समाज से जुड़े लोगों ने खुशी व्यक्त की है। इन आदेशों पर देव समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि कुछ लोग जबरन देव नीति में राजनीति को घसीट रहे हैं जोकि गलत है। पूर्व में रघुनाथ मंदिर के अधिग्रहण के दौरान कांग्रेस के लोगों ने कई तरह की बातें कहीं और अब उन लोगों को मुंह की खानी पड़ी है।