जंगल की आग ने बरपाया कहर, राख के ढेर में बदले मकान व पशुशाला

Friday, May 18, 2018 - 10:55 PM (IST)

बड़ूही: अग्निकांड की सिलसिलेवार हो रही घटनाओं से क्षेत्र की वन सम्पदा राख के ढेर में तबदील हो रही है। आग के तांडव के आगे प्रशासनिक अमले के इंतजामात नाकाफी साबित हुए हैं। जंगल की आग जब रिहायशी बस्तियों तक पहुंचती है तब तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है। वीरवार को चौकीखास पंचायत में लगी आग इतना भयानक रूप धारण कर गई कि हवा के चलते बदलते रुख की वजह से ग्राम पंचायत जोल के हारसा में पहुंच गई। आग की चपेट में आकर एक रिहायशी मकान और एक पशुशाला जलकर राख हो गई। जब तक आम जनमानस और विभागीय स्तर पर प्रयासों को सार्थक रूप नहीं दिया जाता, तब तक वनों में आग और ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगा पाना मुश्किल है।


वन विभाग के दावे हवा-हवाई
हालात ये हैं कि दिन हो या रात, हर समय आग ने जंगलों में तांडव मचा रखा है। आग से जंगलों को बचाने के लिए वन विभाग के दावे, जागरूकता और अन्य उपायों के बावजूद क्षेत्र के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। आग की इन घटनाओं में जहां बेशकीमती वन सम्पदा जलकर राख हो रही है, वहीं वन्य जीवों की कई प्रजातियों के अस्तित्व पर संकट भी बन आया है। वनों को आग से बचाने और आग बुझाने के लिए न तो स्थानीय जनता और न ही विभागीय स्तर पर कोई खास रुचि लेने से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।


पीड़ितों को आर्थिक मदद दे प्रशासन
ग्राम पंचायत जोल की प्रधान रीता देवी ने कहा कि जंगल की आग से रिहायशी मकान और पशुशाला जली है। उन्होंने प्रशासन से पीड़ितों को मदद की गुहार लगाई है। उपप्रधान रोहित शर्मा ने पीड़ितों को फौरी राहत देने की मांग की है। वहीं नायब तहसीलदार जोल जगदीश चंद ने बताया कि मौके पर पटवारी को भेज कर नुक्सान का आकलन करके रिपोर्ट करने के आदेश दिए गए हैं। जल्द ही पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा।

Vijay