यहां आज भी बेटियों के पैदा होने पर मनाई जाती हैं खुशियां

Friday, Feb 23, 2018 - 05:51 PM (IST)

मनाली: एक ओर देश में जहां बेटियों के प्रति घृणित सोच का बोलबाला बढ़ता जा रहा है और बेटियों को संसार में आने से पहले ही कोख में मारा जा रहा है। वहीं हिमालय की गोद में एक ऐसा क्षेत्र भी है जहां बेटियों के पैदा होने पर पूजा-अर्चना ही नहीं बल्कि उत्सव भी मनाया जाता है। पश्चिमी हिमालय की गोद में बसे शीतमरूस्थल जिला लाहौल-स्पीति की गाहर वैली में सदियों से बेटियों के जन्म को अभिशाप नहीं समझा जाता है बल्कि पैदा होने पर उत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव की शुक्रवार को विधिवत शुरूआत हो गई है। लोग बेटियों की पूजा-अर्चना कर उनकी लंबी उम्र की दुआएं भी कर रहे हैं। 

बेटी के जन्म के एक वर्ष बाद मनाया जाता है उत्सव
जिस भी घर में बेटियों ने जन्म लिया है उस घर में उत्सव की धूम शुरू हो गई है। गांव के लोग पूजा-अर्चना के बाद जश् में डूब गए है। यहां पर बेटी के जन्म के एक वर्ष बाद उत्सव का आयोजन किया जाता है। गाहर वैली के लोग शुक्रवार शाम को मशालें निकालकर एक निश्चित स्थान पर एकत्रित होंगे और यहां पर शिव पुत्र कार्तिकेय की पूजा करेंगे। पूजा में बेटियों को ही अग्रिम पंक्तियों में रखा जाएगा और भगवान कार्तिकेय से गांव में अधिक से अधिक बेटियां पैदा होने की कामना की जाएगी। लोग अपनी पारंपरिक व प्राचीन संस्कृति का संरक्षण करते हुए प्राचीन वेशभूषा में सज-धज कर आएंगे और आराध्यदेवों की पूजा करेंगे।

सदियों से गौची उत्सव को मना रहे लोग
गाहर वैली के निवासी दोरजे, टशी, आशा और ग्लसन ने बताया कि शुक्रवार को घाटी में गौची उत्सव की धूम शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि बेटियों के लिए समर्पित इस उत्सव के शुरू होने से घाटी में रौनक छा गई है। पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि जिला में बेटियों को विशेष महत्व दिया जाता है। उन्होंने बताया कि बेटियों के पैदा होने से खुश माता-पिता सदियों से इस गौची उत्सव को मना रहे हैं।