उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा हर मामले में अनूठा अनुराग का एक से श्रेष्ठ कार्यक्रम

Monday, Jan 08, 2024 - 08:56 PM (IST)

हमीरपुर (राजीव): पहाड़ों में बदलाव थोड़ा कठिन है, यह जानी और मानी बात है। वैसे तो हमीरपुर संसदीय क्षेत्र कई मामलों में विकास की एक नज़ीर पेश करता है मगर सांसद अनुराग ठाकुर के कई निजी प्रयास भी न सिर्फ़ चर्चा का विषय बनते हैं, बल्कि गुणवत्ता के मामले में भी अपनी छाप छोड़ते हैं। बीते दिनों देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यह बात अनुराग ठाकुर के एक से श्रेष्ठ के 500वें केंद्र का उद्घाटन किया और लगभग 20,000 से ज्यादा की भीड़ के सामने दिल खोल कर अनुराग ठाकुर की प्रशंसा की। सर्दी के मौसम में खिली धूप, सधे हुए भाषणों के बीच मंच की साज-सज्जा और इसका अनूठापन भी बरबस ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा था। पूरी तरह बच्चों को ध्यान में रख कर बने स्कूल की शक्ल वाले मंच पर अंदर किताब का बैकड्रॉप था, जिसमें एल.सी.डी. लगी थी। 2 विशालकाय पैंसिलों के बीच पैन का निब दूर से ही बच्चों को आकर्षित कर रहा था। जहां एक तरफ मंच पर लगे दोनों पोडियम एक पैंसिल तो एक किताब की झलक खुद में समेटे था तो वहीं दूसरी तरफ मंच से नीचे लगे सैल्फी प्वाइंट भी किताब और पैंसिल पर ही केंद्रित थे। आयोजकों ने तो मंच के सामने अपनी कला से पूरा स्कूल ही उकेरा था, जिसमें स्कूल बस से लेकर खेलते बच्चे तक देखे जा रहे थे। इस कलात्मक मंच का बच्चों के साथ-साथ आई जनता पर भी बड़ा सकारात्मक असर पड़ा।

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के 5 जिलों में चल रहे एक से श्रेष्ठ केंद्र महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। पारंपरिक गुरु शिष्य परंपरा पर आधारित यह कार्यक्रम 5 अक्तूबर, 2021 को विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर लॉन्च हुआ था, जिसके माध्यम से स्थानीय सांसद अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के 3 समस्याओं एम्प्लॉयमैंट, इमीग्रेशन और इकोनॉमी का एजुकेशन द्वारा समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं। “एक से श्रेष्ठ” जीवन के सभी क्षेत्रों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने और समग्र विकास प्रदान करने की एक पहल है, जिसमें हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में पंचायत स्तर पर उसके आसपास के क्षेत्र के शिक्षकों के माध्यम से, किसी भी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि को छोड़कर, बच्चों के समग्र विकास के लिए स्कूल के घंटों के बाद कक्षाएं निःशुल्क सुनिश्चित करना है। पारंपरिक गुरुकुल शिक्षा से प्रेरित होकर, जहां विभिन्न आयु समूहों और पृष्ठभूमि के बच्चों के लिए एक सामान्य शिक्षण स्थान विकसित किया गया है। बहरहाल कार्यक्रम तो खत्म हो गया मगर इस एक से श्रेष्ठ के विभिन्न पहलुओं पर चर्चाएं जारी हैं।

Content Writer

Kuldeep