जब सर्वे ही नहीं हुआ तो क्या जुमलेबाजी से आएगी ऊना रेललाइन : अभिषेक राणा
punjabkesari.in Monday, Mar 14, 2022 - 06:47 PM (IST)
हमीरपुर: ऊना हमीरपुर रेलवे लाइन का प्रोजैक्ट एक सफेद हाथी की तरह दुर्लभ हो गया है जो कहानियों में तो है लेकिन हकीकत में इसे किसी ने नहीं देखा। मजाक और जुमलों से जूझती इस रेल लाइन के लिए कभी 1000 का बजट आता है और कभी सिर्फ वायदे।
इस संदर्भ में हिमाचल कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष और प्रवक्ता अभिषेक राणा ने बताया कि उना-हमीरपुर रेलवे लाइन बिछाने के जुमलों से अब जनता परेशान हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर जोकि हिमाचल की भूमि से ही संबंधित है आज तक बस प्रलोभन देते आए हैं। लेकिन धरातल पर देखें तो इस रेलवे लाइन के लिए कुछ नहीं किया गया।
यह रेलवे लाइन 2014 से कागजों और घोषणाओं में ही घूम रही है। केंद्रीय मंत्री बकायदा इसके लिए 3000 करोड़ रुपए का बजट पास होने की बधाई भी दे चुके हैं। लेकिन हकीकत में इस रेल लाइन का न ही सर्वे हुआ और न ही यह 1 इंच भी आगे बढ़ी। तो क्या यह जुमले मात्र जनता को झूठी तसल्ली देकर खुश करने के लिए हैं? हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने बार-बार इस संदर्भ में आरटीआई फाइल की जिसका केवल एक जवाब आता है कि सर्वे अभी प्रोसैस में है। कितने ही सालों से आरटीआई का यही एक ही जवाब है जिसका कोई सिर पैर नहीं है।
मंत्री महोदय कहते हैं कि बजट आ चुका है लेकिन आरटीआई खुलासा करती है कि अभी तक सर्वे भी पूरा किया नहीं गया तो फिर बजट कहां से आया और यदि
बजट आया तो वह कहां गायब हो गया।
सर्वे पूरा ही नहीं हुआ और करोड़ों अरबों के बजट के नाम पर जनता को मूर्ख बनाने का कार्य किया जा रहा है लेकिन प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि कब यह रेलवे लाइन जनता की सेवा में समर्पित की जाएगी। हमीरपुर की जनता से मजाक करते हुए केंद्र सरकार कभी तो हजार रुपए का बजट इस रेल लाइन के लिए पास करती है और कभी जनता से झूठे वायदे किए जाते हैं।
अभिषेक राणा ने कहा कि डबल इंजन की सरकार होते हुए भी उना-हमीरपुर की जनता को इस रेल लाइन से मोहताज होना पड़ रहा है ऐसे ही कई कारण हैं जिनकी वजह से उपचुनावों में जयराम सरकार को करारी हार का सामना करना पड़ा था लेकिन फिर भी प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार जनता की विडंबना को महसूस नहीं कर पा रही। रेल लाइन तो नहीं मिली और जनता की झोली में आए तो बस झूठे वायदे और चंद जुमले।