प्रदेश को तबाह करने वाले गुनाहगारों को कभी नहीं बख्शेगी जनता : राणा

Monday, Feb 10, 2020 - 05:21 PM (IST)

हमीरपुर : कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि प्रदेश में सत्ता की सरपरस्ती में खनन माफिया प्रदेश को तबाह करने पर तुला हुआ है। लेकिन सरकार सब कुछ जानते-बूझते हुए खामोश है। राणा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जिन पर अवैध खनन को रोकने की जिम्मेदारी व जवाबदेही जनता ने फिक्स की है। उनमें से ही कुछ सत्ताधीश खनन माफिया के परोक्ष साझेदार बन बैठे हैं। सत्ता के संरक्षण में अफसरशाही में बैठे कारोबार के माहिर भी परोक्ष रूप से खनन माफिया के साझेदार बने हैं। राणा ने कहा कि सूचना यहां तक है कि कुछ नेता व अफसरों ने स्टोन क्रशर के कारोबार में खुद को संचालकों के साथ परोक्ष साझेदार रखा हुआ है। जिसके चलते कार्रवाई की उम्मीद किस से करें। बदहाल सड़कों पर दनदनाते ओवर लोडेड टिप्पर सड़कों को अब खड्डों और नालों में तबदील कर रहे हैं। सबसे खराब हालत ऊना जिला में है लेकिन प्रदेश के अन्य जिले भी इस स्थिति से अछुते नहीं हैं। राणा ने कहा कि जब सत्ताधीशों व अफसरशाही के साथ खनन माफिया की जुगलबंदी रहेगी तब तक खनन माफिया के नापाक इरादे प्रदेश को बेखौफ तबाह करते रहेंगे।

सत्ता को धन कमाने का जरिया मान चुके सत्ताधीश

राणा बोले कि इस खतरनाक जुगलबंदी से सत्ता का असली जरिया आम मतदाता और गरीब होता जाएगा, जबकि अमीर और अमीर होता जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा हिमाचल जैसा पहाड़ी प्रदेश में अब तक स्थिति ऐसी न थी लेकिन अब सत्ता को धन कमाने का जरिया मान चुके सत्ताधीशों ने पद्रेश के हितों को ताक पर रख दिया है। राणा ने कहा कि बीजेपी यह न भूले कि अगर वह चुप रहकर यह सब होने देंगे तो भी प्रदेश की तबाही के गुनाहगारों में बीजेपी का नाम भी आएगा और इस गुनाह की सजा प्रदेश की जनता असली गुनाहगारों को जरूर देगी। क्योंकि प्रदेश की तबाही में चुप रहने वाले भी उतने ही गुनाहगार हैं जितने कि प्रदेश की तबाही में लगे हुए लोग हैं। राणा ने कहा कि जब बात प्रदेश के हितों की है तो इसमें राजनीतिक हितों के बजाय प्रदेश को सर्वोच्च माना जाना जरूरी है।

वोट लेने के लिए उनकी बातें कुछ और होती हैं और सत्ता हासिल करने के बाद कुछ और

विपक्ष में होने के नाते निरंतर आवाज उठाकर वह अपने फर्ज को निभा रहे हैं। लेकिन सरकार अगर इस मामले में सुनना नहीं चाहती है तो दोष सरकार की नीयत में भी झलक रहा है। आखिर सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि सरकार प्रदेश में चल रहे अंधाधुंध खनन पर लगाम नहीं पा रहे हैं। राणा ने कहा कि प्रदेश हित में बड़ी-बड़ी बातें करने से प्रदेश का हित नहीं होगा। आज केन्द्र में जेपी नड्डा व अनुराग जैसे बीजेपी के दिग्गज नेता बैठे हैं लेकिन प्रदेश के लिए कोई बड़ी योजना या आर्थिक पैकेज लेने में वह सफल नहीं हो पा रहे हैं। जिससे साफ लगता है कि बीजेपी कहती कुछ और करती कुछ है। वोट लेने के लिए उनकी बातें कुछ और होती हैं और सत्ता हासिल करने के बाद उनका मकसद कोई और होता है।

Kuldeep