फर्श पर लेटा जयराम का हेल्थ सिस्टम, इस अस्पताल में बरामदे में कराया जा रहा प्रसव

Monday, Aug 26, 2019 - 11:09 AM (IST)

हमीरपुर (राजीव): यूं तो जिला अस्पताल को एक वर्ष से मैडीकल कालेज का दर्जा मिल चुका है और मैडीकल कालेज के भवन का शिलान्यास भी हो चुका है लेकिन एक वर्ष बीतने के बाद भी मैडीकल कालेज के भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। जिसके चलते अब हालात ये हैं कि हमीरपुर मैडीकल कालेज में गर्भवती महिलाओं का इलाज अस्पताल के बरामदे में फर्श पर हो रहा है। जब से हमीरपुर अस्पताल को मैडीकल कालेज का दर्जा मिला है, यहां पर मरीजों की तादाद बढ़ गई है और बेहतर इलाज के लिए मंडी, हमीरपुर और बिलासपुर जिला के लोग यहां पहुंच रहे हैं लेकिन मैडीकल कालेज में बिस्तरों की कमी के चलते गर्भवती महिलाओं व छोटे बच्चों के उपचार में समस्या आ रही है।

जहां गर्भवती महिलाएं डिलीवरी के इंतजार के लिए फर्श पर लेटी हुई हैं, वहीं बच्चों के वार्ड नं.-406 में एक बैड पर 2-2 बच्चे दाखिल हैं। तीमारदार भी मजबूरी में बच्चों का उपचार करवा रहे हैं। हमीरपुर मैडीकल कालेज में पर्याप्त मात्रा में कमरे नहीं हैं और एक बिस्तर पर 2-2 मरीज दाखिल होने से समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों के वार्ड में पंखे और ए.सी. इत्यादि भी खराब हैं। ऊपर से स्टाफ नर्सों का व्यवहार भी कथित रूप से ठीक नहीं है, जिससे छोटे बच्चों के साथ आए तीमारदार अस्पताल प्रशासन को खूब कोस रहे हैं।   

मैडीकल कालेज की रोगी कल्याण समिति के सदस्य हरीश शर्मा ने बताया कि स्टाफ नर्सों के व्यवहार और अस्पताल में कमरों की कमी की शिकायतें मिल रही हैं तथा आगामी बैठक में उक्त मुद्दों को उठाया जाएगा। मैडीकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. अनिल चौहान का कहना है कि बेहतर उपचार मिलने पर मैडीकल कालेज हमीरपुर में आजकल डिलीवरी के लिए महिला मरीजों की संख्या में बढ़ौतरी हुई है तथा छोटे बच्चों की भी उपचार के लिए दाखिले में बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने कहा कि कमरे न होने से एक बैड पर 2-2 बच्चों को दाखिल करना पड़ रहा है ताकि सबका उपचार हो सके।   

kirti