Hamirpur: कैंसर से जूझ रहे ऑटो चालक की बेटी ने रचा इतिहास, 12वीं की मैरिट सूची में बनाई जगह, IPS अधिकारी बनना है सपना
punjabkesari.in Sunday, May 18, 2025 - 04:42 PM (IST)

हिमाचल डेस्क। राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कांगू की छात्रा शायना ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। गंभीर कैंसर से जूझ रहे अपने पिता के असहनीय दर्द के बीच, शायना ने बारहवीं कक्षा की कला संकाय की मेरिट सूची में दसवां स्थान प्राप्त कर न केवल अपने परिवार को गर्वित किया है, बल्कि उनके दुख पर एक बड़ा मरहम भी लगाया है। शायना ने 500 में से 472 अंक हासिल किए, जो जिला स्तर पर पांचवां स्थान है।
शायना के लिए यह सफलता का सफर आसान नहीं रहा। उनका परिवार पिछले चार वर्षों से आर्थिक तंगी और पिता अश्वनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। अश्वनी, जो कभी दिल्ली में ट्रक चालक थे, को 2021 में पीठ में असहनीय दर्द के कारण अपना काम छोड़ना पड़ा। जांच में उन्हें तीसरी स्टेज का कैंसर होने का पता चला, जिसने पूरे परिवार को गहरे संकट में डाल दिया। उस समय शायना आठवीं कक्षा में पढ़ रही थी।
पिता के इलाज के दौरान परिवार को आर्थिक रूप से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। शायना के मामा-मामी और अन्य रिश्तेदारों ने जरूर उनकी मदद की, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं था। शायना की बड़ी बहन मीना को भी स्नातक की पढ़ाई के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण अपनी शिक्षा छोड़नी पड़ी। इन तमाम मुश्किलों के बावजूद, शायना ने अपनी पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। उन्होंने स्कूल के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यमों से भी पढ़ाई जारी रखी और अपनी तैयारी को मजबूत किया। उनकी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। शायना के पिता अश्वनी अब कुछ हद तक ठीक हैं और उन्होंने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए ऋण लेकर एक ऑटो रिक्शा खरीदा है। उनकी पत्नी कंचन देवी गृहिणी हैं और इस मुश्किल समय में परिवार को संबल प्रदान कर रही हैं।
शायना ने अपनी इस शानदार सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और परिवार के सदस्यों को दिया है, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया। उनके मामा सुरेंद्र भट्टी ने उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा था कि यदि वह 12वीं में 90 फीसदी से अधिक अंक लाएगी तो वे उसकी आगे की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे। शायना ने न केवल 90 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त किए, बल्कि मेरिट सूची में भी स्थान हासिल कर अपने मामा के वादे को सच कर दिखाया। शायना का सपना एक आईपीएस अधिकारी बनना है। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और लगन को देखते हुए, यह उम्मीद की जा सकती है कि वह अपनी मंजिल को जरूर प्राप्त करेंगी।