नलवाड़ी मेले में हैली टैक्सी सेवा में नियम ताक पर रखे

Sunday, Jul 29, 2018 - 12:39 PM (IST)

बिलासपुर (बंशीधर): कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं नयनादेवी के विधायक रामलाल ठाकुर ने कहा है कि 17 से 23 मार्च तक बिलासपुर में हुए राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले में एक निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए न केवल नियमों को ताक पर रखा गया बल्कि लोगों की सुरक्षा को भी दरकिनार किया गया। परिधि गृह बिलासपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में रामलाल ठाकुर ने कहा कि राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला में नई परंपरा के तहत हैली टैक्सी सेवा शुरू की गई। उन्होंने बताया कि वर्ष, 2008 में भी एक मामला बिलासपुर में हुआ था। 


तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह बिलासपुर के लुहणू में जनसभा करने के बाद जा रहे थे और उसी समय कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री आर.के. धवन का हैलीकॉप्टर वहां आ गया था। इसका केस आज तक चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस हैली टैक्सी सेवा को शुरू करने के लिए न तो सिविल एविलेशन विभाग से अनुमति ली गई और न ही पर्यटन विभाग से ही अनुमति ली गई। एक सिंगल इंजन के हैलीकॉप्टर को बिना नैगोशिएशन किए ही काम दे दिया गया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अनुमति ली जानी जरूरी है।  


उन्होंने बताया कि जो कंपनी यहां पैसा कमाने के लिए आई थी उसके कर्मचारियों व अधिकारियों के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था भी जिला प्रशासन ने की थी। उन्होंने जानना चाहा है कि क्या इस हैलीकॉप्टर को दिए गए मैदान का किराया लिया गया और हैलीकॉप्टर के कर्मचारियों की आवभगत में खर्च किया पैसा कहां से आया? उन्होंने बताया कि संबंधित कंपनी को सुरक्षा मुहैया करवाने पर हुए पुलिस व होमगार्ड के खर्च की भरपाई करने के लिए एस.पी. व होमगार्ड के कमांडैंट ने इस कंपनी को पत्र लिखा है लेकिन अभी तक संबंधित विभागों को पैसा नहीं मिला है। 


विधानसभा में सबूतों सहित उठाएंगे मामला 
रामलाल ठाकुर ने कहा कि इस मामले को वह सबूतों सहित आगामी विधानसभा सत्र में उठाएंगे। उन्होंने प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक सप्ताह पहले मुख्यमंत्री ने बयान दिया कि प्रदेश सरकार ने 6 महीनों में केंद्र से 5 हजार एक सौ करोड़ रुपए लाए और गत दिनों बिलासपुर में कहा कि 6 हजार करोड़ रुपए केंद्र से लाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से जानना चाहा है कि क्या यह स्पैशल ग्रांट है या फिर नीति आयोग से आया पैसा? उन्होंने बताया कि वित्त विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश सरकार को केवल 1900 करोड़ रुपए नीति आयोग से मिले हैं।

Ekta