शक्तिपीठ ज्वालामुखी में पूर्णाहुति व कन्या पूजन के साथ गुप्त नवरात्रे संपन्न

Sunday, Feb 21, 2021 - 04:10 PM (IST)

ज्वालामुखी (पंकज शर्मा): विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में विश्व कल्याण, विश्व शान्ति व वैश्विक महामारी के नाश के लिए 9 दिन से चल रहे माघ अष्टमी गुप्त नवरात्रों का विधिवत समापन हो गया। यज्ञ शाला में एसडीएम अंकुश शर्मा, मन्दिर अधिकारी जगदीश शर्मा व 71 पुजारी वर्ग व विद्वानों ने वैदिक मंत्रों से हवन यज्ञ किया। मंदिर न्यास सदस्य पुजारी मधुसूदन शर्मा व प्रशांत शर्मा ने विधिवत मंत्रोच्चारण से आहुतियां डलवाईं। इसके बाद एसडीएम अंकुश शर्मा व मन्दिर अधिकारी जगदीश शर्मा ने कन्या पूजन किया।

पुजारी महासभा के प्रधान पुजारी अविनेंदर ने बताया कि आज नवमी के दिन सिद्धिदात्री का पूजन किया जा रहा है और इन गुप्त नवरात्रो में गणपति, गायत्री व बटुक भैरव का सवा लाख और मां ज्वालामुखी के मूल मंत्र का सवा 5 लाख की संख्या में जाप किया गया। इसके साथ दुर्गा सप्तशती के 100 पाठ भी किए गए। उन्होंने बताया कि मां के आशीर्वाद से विश्व में शांति व जनकल्याण की भावना लोगों में हो और वैश्विक महामारी कोरोना का नाश हो इसी उद्देश्य की कामना के लिए यह अनुष्ठान किया गया।

उन्होंने बताया कि इन नवरात्रों में पूजा-अर्चना व जप पाठ करने से गुप्त सिद्धियां प्राप्त होती हैं। विश्व शांति व जनकल्याण के लिए पुजारी महासभा, मंदिर न्यास के सहयोग से इस आयोजन को सदियों से करती चली आ रही है। एसडीएम अंकुश शर्मा ने नवरात्रों के समापन पर सभी का धन्यवाद किया और बताया कि गुप्त नवरात्रों में यात्रियों की संख्या बढ़ी है और कोविड एसओपी का पालन करते हुए मन्दिर प्रसाशन द्वारा श्रद्धालुओं को सुविधाजनक दर्शन करवाए जा रहे हैं।

गुप्त नवरात्रों का महत्व व पूजन

अविनेंदर शर्मा ने बताया कि गुप्त नवरात्रे विशेषकर तांत्रिक क्रिया, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखते हैं। साधक कड़े नियमो के साथ व्रत व साधना करते हैं और दुर्लभ शक्तियां प्राप्त करते हैं। गुप्त नवरात्रों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री का विशेष पूजन भी किया जाता है।

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Vijay