गुड़िया मर्डर मामला: परिजनों ने SIT की जांच पर उठाए सवाल, राज्य सरकार को भी लिया आड़े हाथ

Tuesday, Jul 25, 2017 - 10:42 AM (IST)

ठियोग (शिमला): गुड़िया से गैंगरेप और हत्या मामले में परिजनों ने स्पैशल इनवैस्टीगेटिव टीम (एस.आई.टी.) पर कई सवाल खड़े किए हैं। गुड़िया के दादा ने कहा है कि जब तक डी.एस.पी. ठियोग की अगुवाई में पुलिस टीम इस मामले की जांच कर रही थी, तब तक पुलिस की इंक्वायरी सही दिशा में चल रही थी। इससे पहले कि वह असली दोषियों को गिरफ्तार करती, राज्य सरकार ने 9 जुलाई को एस.आई.टी. गठित की। बकौल दादा एस.आई.टी. गठन के बाद पुलिस जांच की दिशा ही बदल गई। आई.जी. जहूर जैदी की अध्यक्षता में गठित एस.आई.टी. ने 13 जुलाई को 2 नेपाली, 2 गढ़वाली और 1 मंडी के मजदूर समेत रसूखदार परिवार से संबंध रखने वाले आशीष उर्फ आशु को गिरफ्तार किया। 


मुख्यमंत्री की इस पोस्ट के कारण एस.आई.टी. की जांच पर शक गहराया 
इसके कुछ देर बाद मुख्यमंत्री ने इनकी फोटो को अपने फेसबुक पर पोस्ट किया, लेकिन कुछ देर बाद ये फोटो हटा दी गईं। मुख्यमंत्री की इस पोस्ट के कारण एस.आई.टी. की जांच पर शक गहराया और प्रदेशभर में लोगों का गुस्सा भड़का। जिस तरह से आरोपी सूरज की पुलिस लॉकअप में हत्या होती है, उससे लोगों का शक यकीन में बदल गया। यह असली आरोपियों को बचाने की साजिश लग रही है। बकौल दादा पुलिस की जांच जब सही दिशा में चल रही थी तो उसे एस.आई.टी. ने जांच का आधार क्यों नहीं बनाया? क्यों एस.आई.टी. की जांच नई दिशा में मुड़ी? क्या यह असली आरोपियों को बचाने की साजिश थी? ऐसे सवाल अब परिजनों को परेशान कर रहे हैं। 


पोती के नाम से स्कूल के नामकरण को बताया सही
वीरभद्र सरकार ने 2 दिन पहले ही मीडिल स्कूल महासू को सीनियर सैकेंडरी स्कूल का दर्जा दिया है। इसी के साथ सरकार ने स्कूल का नाम भी रेप पीड़िता के नाम से रखने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार के इस फैसले को नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने गैर-कानूनी बताया, वहीं गुड़िया के दादा की मानें तो सरकार ने यह अच्छा काम किया है, उन्हें कानून की जानकारी नहीं है। पर इस बात की खुशी है कि सरकार ने उनकी बेटी के नाम से स्कूल का नाम रखा है।


दरिंदों के कुल का होगा नाश: दादा
गुड़िया के दादा ने बताया जिस तरह की दरिंदगी उनकी पोती के साथ हुई है, निश्चित तौर पर न केवल दरिंदों बल्कि उनके पूरे कुल का भी नाश होगा। उन्हें देवी-देवताओं और भगवान पर पूरा भरोसा है। देश भर के लाखों लोगों की आवाज इंसाफ के लिए उठ रही है, ऐसे में जल्दी नतीजा सामने आएगा।


पोती ने किसी से नहीं ली थी लिफ्ट
गुड़िया के दादा ने बताया कि पुलिस महानिदेशक सोमेश गोयल ने प्रैसवार्ता में कहा था कि गुड़िया ने इससे पहले दो-तीन बार गाड़ी में लिफ्ट ली थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने महासू स्कूल में पढऩे वाले गांव के सभी बच्चों से बातचीत की और पूछा कि गुड़िया कितनी बार गाड़ी में घर आई या स्कूल गई तो गांव के सभी बच्चों ने बताया कि वह हमेशा उनके साथ पैदल आया-जाया करती थी। गुड़िया को महासू स्कूल में दाखिला लिए अभी मात्र 40 दिन हुए थे। ऐसे में इतना जल्दी कोई बच्चा कैसे किसी से घुलमिल सकता है और लोगों से वाहन में लिफ्ट ले सकता है। उनकी पोती तो गांव में भी लोगों के साथ जाने से शर्माती थी। 


दिनभर सी.बी.आई. का इंतजार करते रहे परिजन
गुड़िया के परिजन सोमवार को सी.बी.आई. के घर पर पहुंचने का इंतजार करते रहे लेकिन सी.बी.आई. की टीम नहीं पहुंची।