बाली ने साधा निशाना, बोले-HRTC का दिवाला निकालने पर तुली सरकार

Saturday, May 05, 2018 - 08:32 PM (IST)

कांगड़ा: एक निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी के लिए सभी कानूनों को ताक पर रख कर 13 प्रांतीय रूटों को अंतर्राज्यीय करने की कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। यह बात पूर्व परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति व तकनीकी मंत्री जी.एस. बाली ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि जो रूट ढांगू वाया पठानकोट बनाया गया है, उसका टाइम टेबल में ढांगू और पठानकोट का समय एक ही दिखाया गया है जबकि दोनों स्थलों में बहुत अंतर है। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी बड़ी चतुराई से कानून व नियमों को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं। यहां तक कि वह मंत्री तक के हस्ताक्षर करवा कर अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें जो-जो अधिकारी ऐसे गलत काम करने में शामिल होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे सेवानिवृत्त भी क्यों न हो चुके होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार एच.आर.टी.सी. का दिवाला निकालने पर तुली है।


अपनी मेहनत से बड़े किए पौधे को बर्बाद होते नहीं देख सकता
उन्होंने कहा कि मैंने 6 माह तक कुछ न कहने की बात कही थी परंतु जब एच.आर.टी.सी. की दुर्दशा हो रही हो तो मैं चुप नहीं बैठ सकता। उन्होंने कहा कि जिस पौधे को मैंने बड़ी मेहनत से खड़ा किया था उसको बर्बाद होते नहीं देख सकता। उन्होंने कहा कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और तब तक वह रूट नहीं दे सकते जब तक कोर्ट के आदेश नहीं आ जाते। उन्होंने कहा कि यह माननीय कोर्ट के आदेशों क ी अवहेलना है।


रूट देने के लिए परिवहन मंत्री पर दबाव
उन्होंने कहा कि जब इस बारे में यूनियन के नेताओं ने परिवहन मंत्री से बात की तो मंत्री ने कहा कि रूट देने के लिए मेरे पर दबाव है। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि इस प्रकार से हमें मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे सड़क सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी क्योंकि प्राइवेट और एच.आर.टी.सी. की बस सेवाओं में टाइम टेबल को लेकर झगड़ा होगा। उन्होंने कहा कि एच.आर.टी.सी. बड़ी किफायती दरों पर लोगों को सेवाएं दे रही है। उन्होंने कहा कि इन रूटों को देने से पहले किसी मंत्रिमंडल से मंजूरी नहीं ली गई और जब कार्रवाई हुई तो उस समय स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का गठन नहीं हुआ था।


3975 बसों के रूटों में से 379 सस्पैंड
उन्होंने कहा कि किसी प्राइवेट बस को रूट देने से पहले यह देखा जाता है कि उसकी सेवाएं 60 प्रतिशत गांवों में और 40 प्रतिशत राष्ट्रीय उच्चमार्ग पर हों। उन्होंने कहा कि इस समय 3975 बसों के रूट हंै, जिनमें से 379 को सस्पैंड कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार यह देखे कि प्राइवेट बसों में काम करने वाले चालकों व परिचालकों को उनके मालिक पूरा पैसा, छुट्टियां तथा उनका मैडीकल आदि करवा रहे हैं या नहीं। कानून व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि देवभूमि की कानून व्यवस्था चरमरा गई है। सरकार बेरोजगारी के आंकड़े जारी करे। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के लिए सरकार कठोर कदम उठाए।

Vijay