GS Bali ने घेरी सरकार, बोले-TMPA कर्मियों को हटाना तर्कसंगत नहीं

Thursday, Aug 23, 2018 - 08:45 PM (IST)

धर्मशाला: सत्ता परिवर्तन के बाद वर्तमान सरकार द्वारा टी.एम.पी.ए. पर रखे लोगों को 2-2 साल अपनी सेवाएं देने के बाद उन्हें निकाला जा रहा है, जिससे रोजगार प्राप्त लोगों को सरकार फिर से बेरोजगार कर रही है। यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह बात धर्मशाला में पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व परिवहन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री जी.एस. बाली ने कही। उन्होंने कहा कि 100 ऐसे बेरोजगार लोग उनसे मिल चुके हैं जिन्हें टी.एम.पी.ए. के तहत नौकरियां दी गई थीं और उनको 1-2 साल से अधिक का समय भी हो गया।

निकाले गए कर्मचारियों के हक की लड़ेंगे लड़ाई
उन्होंने सरकार की इस नीति को पूरी तरह गलत ठहराते हुए कहा कि यह प्रक्रिया सरकार की पूर्णत: गलत है और इसके खिलाफ वह और उनके सहयोगी ऐसे कर्मचारियों जिनको इतना समय विभागों में लगाने के बाद निकाल दिया है, उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे और उनके लिए 2 लाख रुपए इकट्ठा करके कानूनी सहायता भी वकीलों के माध्यम से दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति का रोजगार छीनकर अपने चहेतों को उपलब्ध करवाना तर्कसंगत नहीं है।

ठेकेदारी प्रथा के निर्णय को वापस ले सरकार
उन्होंने एच.आर.टी.सी. में टी.एम.पी.ए. के आधार पर कंडक्टरों को रखने पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ठेकेदारी प्रथा से लोगों को नुक्सान होगा और इस निर्णय को सरकार को जल्द से जल्द वापस लेना चाहिए। उन्होंने परिवहन निगम को आरोपों के घेरे में लेते हुए सरकार को स्पष्टीकरण देने को कहा कि सरकार अपना पक्ष रखे कि सरकार ने कितने रूटों पर एच.आर.टी.सी. की समयसारिणी बदली है व कितने रूटों को एक्सटैंशन दी है, वहीं अंतर्राज्यीय कितने रूटों में एक्सटैंशन दी गई है, इस पर भी स्थिति साफ करे। उन्होंने यह भी कहा कि एच.आर.टी.सी. को कितना नुक्सान हुआ है तथा एच.आर.टी.सी. की वित्तीय स्थति का भी सरकार लेखा-जोखा दे।

भारी बरसात में सरकारी तंत्र हुआ फेल
वहीं उन्होंने भारी बरसात में सरकारी तंत्र के फेल होने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश से किसानों को बहुत नुक्सान हुआ है और अधिकारी अभी तक नुक्सान का आकलन नहीं कर पाए हैं। सरकारी मशीनरी सुस्त पड़ी है और आकलन जल्द से जल्द केंद्र सरकार से सांझा करें ताकि केंद्र से नुक्सान बारे सहायता प्राप्त हो सके।

Vijay