परिवहन मंत्री के तुगलकी फरमान पर हिमाचल पैंशनर कल्याण संघ ने जताया कड़ा एतराज

Monday, Mar 20, 2017 - 11:12 AM (IST)

धर्मशाला: हिमाचल पथ परिवहन निगम कार्यालयों में कार्यरत मल्टीपर्पज सहायक कर्मचारियों को बसों में टिकट काटने के परिवहन मंत्री जी.एस. बाली के फरमान पर हिमाचल पैंशनर कल्याण संघ ने कड़ा एतराज जताया है। संघ के सदस्यों का मानना है कि हिमाचल परिवहन ने पिछले दिनों तुगलकी फरमान जारी करके निगम में सेवारत विधवा महिलाओं का जीना और भी दूभर कर दिया है। मल्टीपर्पज सहायक कर्मचारी महिलाएं, जिन्हें निगम के कार्यालय में कार्य करते 5 से 10 साल हो चुके हैं, उनसे कंडक्टर का कार्य करवाना कौन-सा परिवहन मंत्री का सही निर्णय है। 


संघ के सदस्यों ने परिवहन मंत्री से की इस फैसले को वापस लेने की मांग
गौरतलब है कि परिवहन निगम के कर्मियों की अचानक मृत्यु होने के पश्चात इनकी विधवाओं को क्षतिपूर्ति आधार पर तृतीय श्रेणी में बहुउद्देश्यीय सहायक के पद पर 4 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन पर कार्यालयों में तैनात किया गया था। अब इन महिलाओं को निगम प्रबंधन ने बसों के साथ बतौर कंडक्टर ड्यूटी देने के आदेश जारी कर दिए हैं, जोकि सभ्य समाज पर काला धब्बा तथा लाचार महिलाओं के साथ क्रूरता के समान है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संघ के सदस्यों ने परिवहन मंत्री से मांग की है कि उनके द्वारा लिए गए इस फैसले को वापस लिया जाए। 


हिमाचल में 300 के करीब कार्य कर रही महिलाएं 
हिमाचल भर में लगभग 200 से 300 के करीब मल्टीपर्पज सहायक महिला कर्मचारी निगम कार्यालयों में कार्य कर रही हैं। परिवहन मंत्री द्वारा इन महिलाओं के लिए जारी किए गए क्लर्क का काम छोड़ टिकट काटने के फरमान से चिंतित हैं। उनके इस एलान के कारण वर्तमान में कार्य कर रही 200 से 300 के करीब इन महिला कर्मचारियों को अब नौकरी छोड़ने का ही एकमात्र विकल्प रह गया है। हालांकि निगम कार्यालयों में 50 की आयु के आसपास की महिलाएं किस तरह बसों में कंडक्टर का कार्य करेंगी। '


मुख्यमंत्री के समक्ष रखी जाएगी मांग
संघ के सदस्यों का कहना है कि परिवहन मंत्री द्वारा लिए इस फैसले से महिलाएं बहुत परेशान हैं। अगर उन्होंने अपने इस फैसले को नहीं बदलते हैं, तो संघ व मल्टीपर्पज महिला कर्मचारी सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने को विवश हो जाएंगे। इसके अतिरिक्त इस मांग को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समक्ष भी रखा जाएगा।