जमीन समतल करने के नाम पर खनन, जलस्रोत सूखने की कगार पर

Wednesday, Mar 20, 2019 - 01:27 PM (IST)

नालागढ़ (सतविन्द्र): औद्योगिक क्षेत्र बी.बी.एन. में अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं पर जमीन समतल करने को लेकर तो कहीं लीज पर लेकर क्षेत्र के नदी-नालों को खोदा जा रहा है, जिससे पर्यावरण बुरी तरह से नष्ट हो रहा है। ऐसा ही एक मामला कश्मीरपुरा में सामने आया है। यहां पर एक व्यक्ति ने अपनी जमीन समतल करने के नाम पर काफी गहरी कर दी है। इस जमीन से निकलने वाली मिट्टी व पत्थर को एक पूर्व विधायक के भाई के क्रशर पर भेजा जा रहा है। लगातार हो रही खुदाई से जहां एक दर्जन से अधिक किसानों की जमीन बंजर हो गई है, वहीं ध्वनि प्रदूषण से भी लोग परेशान हैं। लोगों ने प्रशासन से कई बार शिकायत की लेकिन अभी तक इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

30 से 35 फुट तक खोद दी जमीन

नालागढ़ के कश्मीरपुरा में एक किसान ने अपनी 7 बीघा जमीन को समतल कराने के लिए विभाग से परमिशन ले रखी है लेकिन जमीन समतल कराने के नाम पर लगातार खनन हो रहा है। जमीन को 30 से 35 फुट तक गहरा कर दिया है। हालात ये हैं कि जो जमीन इस जमीन के साथ लगती है, वह अब बंजर होने की कगार पर है। वहां पर न तो पानी की सुविधा है और न ही ट्रैक्टर जाता है।

जनमंच में उठाया था मामला

पीड़ित व्यक्ति केवल दास ने बताया कि इस मामले को जनमंच में उठाया गया था लेकिन पूर्व विधायक का भाई होने से इसमें आवेदन ही नहीं लिया गया। एस.डी.एम. व डी.सी. के पास भी शिकायत की गई लेकिन जमीन खोदने का काम अभी तक रुका नहीं है। केवल दास के अलावा सुहेल सिंह, प्रेम चंद, कमल दास, सुभाष, जीत सिंह मास्टर व भाग चंद की जमीन भी इसके साथ लगती है। भूमि कटान से इन्हें भी खतरा पैदा हो गया है।

जलस्रोत सूखने की कगार पर

किसानों का यह भी कहना है कि इसी आड़ में कश्मीरपुरा की नदी में भी खनन हो रहा है। लगातार खनन होने से नदी ज्यादा गहरी हो गई है। भाग चंद व नारायण सिंह ने बताया कि इसकी शिकायत एस.डी.एम. नालागढ़ से की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की है। लगातार खनन से जलस्रोत भी सूख गए हैं। जिन खेतों में कभी सोना उगता था, आज वे बंजर पड़े हैं। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर खनन को बंद नहीं किया गया तो उन्हें मजबूर हो कर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन व संबंधित विभाग की होगी।

Ekta