बेमिसाल परंपरा: यहां दूल्हा नहीं दुल्हन लेकर जाती है बारात (Watch Video)

Monday, Feb 18, 2019 - 12:19 PM (IST)

पांवटा साहिब (रोबिन): दुनिया भर में दूल्हा बारात लेकर दुल्हन को लेने जाता है लेकिन सिरमौर में एक जगह ऐसी है, जहां इसका ठीक उल्टा होता है। यहां दुल्हन बारात लेकर दूल्हे के घर जाती है। सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र में आज भी अनूठी परंपरा को निभाया जा रहा है। इस परंपरा को स्थानीय भाषा में जाजड़ा कहा जाता है। सुनने में तो बड़ा अजीब लगता है लेकिन यह हकीकत है।


इस अनूठी परंपरा का ताजा उदाहरण शनिवार को उस समय देखने को मिला, जब शिलाई तहसील के गांव परली की एक लड़की उत्तराखंड की चकराता तहसील के कुवाणु गांव में बारात लेकर पहुंची। यह शादी कबायली संस्कृति के तहत जाजड़ परंपरा से संपन्न हुई। करीब 4 दर्जन लोग दुल्हन पक्ष की ओर से बारात में शामिल हुए।


यहां पूरे गांव की करीब 120 महिलाओं को अलग भोज दिया गया, जिसे रहिंन जिमाना कहते है। कबीला संस्कृति में नारियों का उच्च स्थान होता है, गिरिपार के हाटी लदयाने ओर जौनसार बाबर के हजारों लोगों ने इस जाजड़ा परंपरा में भाग लिया। इस परंपरा के तहत लड़की पक्ष के लोग लड़के के यहां बारात लेकर जाते हैं। शादी समारोह के दौरान रासे, हारूल, नाटी सहित गिरीपार की भिन्न-भिन्न संस्कृति के नृत्य किए जाते हैं।


गिरीपार क्षेत्र में आज भी यह परंपरा निभाई जा रही है। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि जौनसार बाबर व गिरीपार की संस्कृति एक जैसी है, लेकिन आज तक गिरीपार को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा नहीं दिया गया है। सबसे अच्छी बात की जब विदाई होती है तो लड़की के पक्ष और लड़के के पक्ष दोनों छतों पर खड़ा होकर एक गाना गाते हैं।


इस गाने का महत्व है कि लड़के के पक्ष वाले लड़के के साथ आए बाराती को कहते हैं कि अगर कोई हमसे कोई भूल चूक हो गई हो तो उसे क्षमा करना और लड़की के पक्ष वाले गाने में कहते हैं कि आप ने हमारी काफी सेवा की है।


हम चाहते हैं कि जब हमारी कन्या जब आपके घर में रहना शुरू करेगी तो आप भी इसका इसी प्रकार से ध्यान रखोंगे।

Ekta