यहां दशकों से पार्क में लगे हरे भरे पेड़ों का वजूद पड़ा खतरे में, पढ़ें खबर

Thursday, Jan 31, 2019 - 12:46 PM (IST)

 

नाहन : ऐतिहासिक पक्का टैंक परिसर के नजदीक दशकों पुराने जवाहर पार्क का नगर परिषद 30 लाख रुपए की लागत से जीर्णोद्धार करवा रही है। पार्क की तालाब वाली साइड पर डंगे का निर्माण किया गया है ताकि सड़क की ऊंचाई के बराबर पार्क को समतल किया जाए। इसके लिए लगातार मलबे से भराई की जा रही है। ऐसे में दशकों से पार्क में लगे हरे भरे पेड़ों का वजूद खतरे में है। पर्यावरण समिति इस मामले में तीखे तेवर दिखा रही है। पर्यावरण प्रेमी खफा हैं। लेकिन पेड़ों का संरक्षण नहीं हो रहा है। आलम यह है कि मलबा भरने के लिए जे.सी.बी. चलाई जा रही है। जे.सी.बी ने कई पेड़ों को नुकसान पहुंचाया। लेकिन नप प्रशासन इन सबको अनदेखा कर रहा है। जवाहर पार्क में एक दर्जन से ज्यादा पेड़ थे नगर परिषद ने जवाहर पार्क की स्थापना करीब 40 साल पहले की थी।

पार्क में एक दर्जन से ज्यादा बड़े छोटे पेड़ थे। जिनमें कुछ ऑरनामैंटल व कुछ आम के पेड़ लगे थे। सड़क के किनारे बोगनवैलिया के प्लांट भी लगे थे। लेकिन हरयाली से भरपूर जवाहर पार्क की लगातार अनदेखी हुई। मुफ्त में पार्किंग चाहने वालों ने पार्क की जगह पार्किंग बनाने के लिए भी दबाव बनाया। पर्यावरण प्रेमियों की जिद के आगे उनकी एक न चली। लेकिन जवाहर पार्क बर्बाद होता गया। पिछले साल सरकार ने 30 लाख रुपए पार्क के जीर्णोद्धार के लिए दिए। पार्क का जीर्णोद्धार करने के लिए नया नक्शा बना। फिलहाल पार्क कैसे होगा यह तो निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन पार्क में मौजूदा पेड़ों की जान पर बन आई है। डंगा लगाने के बाद मलबा भरा जा रहा है और बड़े पेड़ों के तनों पर कई-कई फुट तक मलबा आ चुका है।

kirti