GPS के मनमाने दाम वसूलने वाली कंपनियां होगी ब्लैकलिस्ट, लगेगा जुर्माना

Saturday, Feb 15, 2020 - 01:29 PM (IST)

कुल्लू(मनमिंदर):हिमाचल में अब सभी टैक्सियों में ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाना अनिवार्य है। हालांकि यह सुविधा के लिए किया जा रहा है, लेकिन टैक्सी ऑपरेटर इसके रेट से परेशान हैं। दिल्ली-चंडीगढ़ में यही जीपीएस चार से पांच हजार रुपये में मिल रहे हैं, जबकि प्रदेश सरकार से अधिकृत कंपनियां 15 से 16 हजार में उपकरण दे रही हैं। इस कारण टैक्सी चालकों सहित अन्य व्यवसायिक वाहन मालिकों में रोष है। जिला कुल्लू की तमाम टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों ने परिवहन विभाग के साथ बैठक की है और मांग रखी है कि इसके दाम कम किए जाएं और यदि ऐसा नहीं हुआ तो टैक्सी चालक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। सरकार के निर्देशों के अनुसार बस, ट्रक, स्कूल वैन, टैक्सी में जीपीएस लगाना पड़ेगा। जीपीएस के दाम अधिक होने का प्रदेशभर में विरोध हो रहा है। परिवहन विभाग के पास हर दिन इसकी काफी शिकायतें भी आ रही हैं। कुल्लू जिले में अभी तक 100 से अधिक वाहनों में जीपीएस लगाए जा चुके हैं।

क्या है जीपीएस
जीपीएस यानी ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम। इस डिवाइस के जरिए अपनी कार को ट्रेस कर सकते हैं। यह डिवाइस सेटलाइट से जुड़ा होता है और सेटलाइट के जरिए मोबाइल फोन या कंप्यूटर पर वाहन की लोकेशन की जानकारी मिल जाती है। किसी आपदा में फंसे होने पर जीपीएस काफी फायदेमंद होता है।

चार जगह खुलेंगे सर्विस स्टेशन
प्रदेश में चार जगह जीपीएस सर्विस स्टेशन खुलेंगे। डिवाइस खराब होने पर यहां 24 घंटे के भीतर इसे बदला जाएगा। यदि कंपनियां ऐसा नहीं करती हैं तो विभाग की तरफ से कंपनियों को जुर्माना लगाने का प्रावधान है। कंपनी यदि सही कार्य नहीं करती है तो विभाग उनको ब्लैक लिस्ट भी कर सकता है।

 

 

kirti