राज्यपाल बोले-अपनी संस्कृति भूलकर सब कुछ अंग्रेजों की तरह मनाते हैं लोग

Monday, Mar 19, 2018 - 01:46 AM (IST)

शिमला: राजधानी शिमला स्थित गेयटी थिएटर में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत पर आयोजित भारतीय नववर्ष परंपरा कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्यातिथि पधारे राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि आज लोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। जन्मदिन हो या फिर नववर्ष सभी उसे अंग्रेजों की तरह मनाते हैं। यही कारण है कि नई पीढ़ी अपनी संस्कृति को दरकिनार कर रही है। आज जरूरत है तो सभी को भारत की संस्कृति को बचाने के लिए कदम उठाने की। कार्यक्रम का आयोजन हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी ठाकुर जगदेव चंद शोध संस्थान नेरी हमीरपुर एवं संस्कार भारती के संयुक्त तत्वावधान द्वारा किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज व अन्य भी मौजूद रहे। 

दीवाली की तरह मनाना चाहिए हिंदू नववर्ष 
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने कहा कि हिंदू नववर्ष को दीवाली की तरह मनाना चाहिए। इससे हमारे देश-प्रदेश की शान भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा भारतीय संस्कृति में कालगणना में ऋतुओं का विशेष महत्व है। वैदिक परंपरा में ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना चैत्र प्रतिपदा को मानी जाती है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को भगवान श्री राम का राज्याभिषेक हुआ था। इसी दिन स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा 1875 में आर्य समाज की स्थापना की गई। भारतीय नववर्ष परंपरा की परिगणना सौर मंडल की गति के अनुसार होती है। उन्होंने आह्वान किया कि अंग्रेजों की संस्कृति छोड़ ङ्क्षहदू संस्कृति को अपनाएं। 

सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण जरूरी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्राचीन भारतीय संस्कृति में समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यों को सुरक्षित तथा संजोए रखना महत्वपूर्ण है। अनौपचारिक बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति बहुत समृद्ध और विविध है जो हमेशा मिलजुल कर रहने का संदेश देती है। हमें अपने सांस्कृतिक मूल्यों पर गर्व होना चाहिए और सभी को इसके प्रोत्साहन के लिए कार्य करना चाहिए।  गेयटी थिएटर में कार्यक्रम के बाद राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व अन्यों ने रिज मैदान पर बनाई गई रंगोली पर दीप प्रज्वलित किए। 

हिंदू नववर्ष का विशेष महत्व : संजीवन
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं आर.एस.एस. के हिमाचल प्रांत प्रचारक संजीवन कुमार ने कहा कि समूचे भारत वर्ष तथा हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में चैत्र प्रतिपदा का विशेष महत्व है। इसी दिन डा. केशव बलिराम हैडगेवार का जन्म हुआ। इसी दिन भारत के विभिन्न प्रांतों में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। 

Punjab Kesari