‘अग्निपथ’ का बिना समझे विरोध करना सही नहीं : राज्यपाल

Friday, Jun 17, 2022 - 11:39 PM (IST)

धर्मशाला (नवीन): आजकल बिना सोचे-समझे विरोध करने की प्रवृत्ति हो गई है। अग्निपथ योजना को बिना समझे उसका विरोध करना सही नहीं है। अग्निपथ योजना का विरोध करने की क्या जरूरत है। विश्व के कई देशों में युवाओं के लिए प्रशिक्षण लेना अनिवार्य किया गया है। ये बातें राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहीं। राज्यपाल ने धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय और विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के मध्य हस्ताक्षरित एमओयू के दौरान बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। योजना को लेकर हंगामा कर रहे युवाओं को राज्यपाल ने कहा कि युवा बिना योजना को समझे इसका विरोध न करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यदि किसी को बुराइयां लगती हैं तो सामने आकर बताएं। कई प्रदेश कह रहे हैं कि हम इस नीति को लागू नहीं करेंगे। लागू करने से पहले नीति को पढऩा जरूरी है। शिक्षा नीति को समझने की जरूरत है। उन्होंने जिक्र किया है कि वह कई शिक्षण संस्थानों में गए लेकिन दुख की बात है कि कई अध्यापकों ने नई शिक्षा नीति को ठीक ढंग से पढ़ा ही नहीं है। 

एमओयू के भाव को समझने की जरूरत
केंद्रीय विश्वविद्यालय और विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के मध्य हस्ताक्षरित एमओयू पर राज्यपाल ने कहा कि एमओयू के भाव को समझने की जरूरत है क्योंकि इसमें स्वामी विवेकानंद का भाव निहित है। समझौते से भावनात्मक दृष्टि से जुड‍़ना पड़ता है। दोनों संस्थान स्वामी विवेकानंद के विचारों को योग क्रियाओं के माध्यम से देश और विदेश के विभिन्न कोनों में पहुंचाने का प्रयास करेंगे। दोनों संस्थानों के बीच हुए इस समझौता ज्ञापन पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विवि के कुलसचिव प्रोफैसर विशाल सूद और विवेकानंद केंद्र शिमला की ओर से नगर संचालक सतीश सागर ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए। इससे पूर्व केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. बंसल ने प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को शॉल व टोपी देकर सम्मानित किया। इस दौरान डीन अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार, कुलसचिव प्रो. विशाल सूद, सभी विभागाध्यक्षों के साथ-साथ विवि के शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद रहे।

केन्द्रीय विवि में दी जाएगी टैलीस्कोप की सुविधा : बंसल
सीयू के वाइस चांसलर प्रो. सतप्रकाश बंसल ने कहा कि पिछले 4 माह में संस्थान में कई एमओयू किए हैं, जो मात्र औपचारिकता नहीं है। इसरो ने भी एमओयू के लिए सीयूएचपी को चुना है। केंद्र सरकार की मदद से खगोलीय विद्या में अध्ययन करने के लिए 40 करोड़ की लागत से टैलीस्कोप की सुविधा केन्द्रीय विवि में दी जाएगी। सीयू को अभी तक 15 लाख रुपए दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि साइट सर्वे हो चुका है। उन्होंने कहा कि सीयू ने हिंदू स्टडीज में डिप्लोमा, एमए शुरू की है। अब यूजीसी ने भी हिंदू स्टडीज को अपने नैट में शामिल किया है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 75 स्थान चिन्हित किए हैं, जिनमें से एक स्थान कांगड़ा किला भी है, जहां कार्यक्रम आयोजन का जिम्मा सीयू को दिया गया।

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Content Writer

Vijay