राज्यपाल ने किया धर्मशाला शहीद स्मारक का दौरा, 163 वीर शहीदों को अर्पित किए श्रद्धासुमन

Sunday, Feb 06, 2022 - 07:03 PM (IST)

धर्मशाला (ब्यूरो): राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कांगड़ा जिले के धर्मशाला स्थित शहीद स्मारक का दौरा किया और 163 वीर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने अमर जवान ज्योति प्रज्वलित कर शहीदों को स्मरण किया। यह पहला मौका है जब प्रदेश के किसी राज्यपाल ने शहीद स्मारक का दौरा किया है। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि कहा जाता है और यहां आकर यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश के वीर सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए अपने शौर्य और वीरता का परिचय देते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि 1962 का चीन-भारत का युद्ध, 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1971 का युद्ध और 1999 में कारगिल युद्ध में हिमाचल के वीर सैनिकों ने अदम्य साहस और बहादुरी का परिचय दिया है। देश का पहला परमवीर चक्र हिमाचल प्रदेश के मेजर सोमनाथ के नाम है। 

युद्ध स्मारक भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत

उन्होंने कहा कि युद्ध स्मारक भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है। यहां जीवन का बलिदान देने वाले वीर जवानों की जानकारी उपलब्ध है, जिन्होंने हमारे सुनहरे भविष्य के लिए बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपने वीर शहीदों पर गर्व है। इस मौके पर राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश वार मैमोरियल डिवैल्पमैंट सोसायटी धर्मशाला के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श किया। सोसायटी के अध्यक्ष कर्नल डढवाल ने सोसायटी तथा शहीद स्मारक और युद्ध संग्रहालय की जानकरी दी। राज्यपाल ने युद्ध संग्रहालय का भी दौरा किया। युद्ध संग्रहालय में महाभारत काल से अब तक युद्धों की जानकारी प्रदर्शित की गई है। राज्यपाल ने विक्टोरिया क्रॉस विजेताओं सहित परमवीर चक्र व अशोक चक्र विजेताओं के जीवन वृत्तांत की जानकारी ली। इस दौरान विधायक विशाल नैहरिया भी उपस्थित रहे।

सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर जताया शोक

सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की मौत पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर के यूं चले जाने से ऐसा महसूस हो रहा है जैसे आज सुर अनाथ हो गए हैं। लता को दुनिया भर में लता दीदी के नाम से जाना जाता था और दुनिया भर में उनके चाहने वालों की कोई कमी नहीं थी। उनके चले जाने का व्यक्तिगत तौर पर दुख इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि लता दीदी भी गोवा की रहने वाली थीं और मैं भी गोवा का हूं।

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Content Writer

Vijay