वित्तीय संकट से नहीं उबर पाई सरकार, 2 माह में फिर लेगी इतने करोड़ का कर्ज

Friday, May 04, 2018 - 11:05 PM (IST)

शिमला: राज्य सरकार को एक बार फिर 2 माह से भी कम अवधि के भीतर 700 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की जरूरत पड़ गई है। इससे पहले राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इस तरह वर्तमान सरकार अब तक 3,000 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। कर्ज लेने का यह क्रम यहीं पर थमता नजर नहीं आ रहा और आगामी दिनों में सरकार को कर्ज लेने के लिए फिर बाध्य होना पड़ेगा। इस तरह राज्य सरकार अब तक करीब 49,385 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। इससे पहले पूर्व कांग्रेस सरकार के समय प्रदेश पर 46,385 करोड़ रुपए का कर्ज था।


आय के नए विकल्प तलाशने में जुटी सरकार
गंभीर वित्तीय संकट को देखते हुए सरकार आय के नए विकल्प तलाशने में जुटी है। इसके तहत नई आबकारी नीति से वर्ष 2018-19 के दौरान सरकारी खजाने को करीब 1552.88 करोड़ रुपए का राजस्व लाभ होने की संभावना जताई है, जो वर्ष 2017-18 से 271.33 करोड़ रुपए अधिक है। यानी इसमें 21.17 फीसदी की समुचित वृद्धि होने की संभावना है। कर्जों को बार-बार लिए जाने पर कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार को आड़े हाथ लिया है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार का वित्तीय प्रबंधन सही नहीं है। इस कारण आवश्यकता से अधिक कर्ज लिया जा रहा है।


प्रति व्यक्ति 50 फीसदी बढ़ा कर्ज का बोझ  
कर्ज के बोझ तले दबी प्रदेश की अर्थव्यवस्था इतनी खराब है कि सरकार को आने वाले 7 सालों के दौरान 55 फीसदी कर्जों का भुगतान करना होगा, जो सुखद नहीं है। कर्ज की भारी भरकम राशि के भुगतान से अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा। राज्य में बीते 5 सालों में प्रदेश में प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ भी 50 फीसदी बढ़ गया है। यानी प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ 65,444 रुपए तक पहुंच गया है। राज्य सरकार को 3,096 करोड़ के ऋणों का भुगतान आगामी साल में करना है। ऋण राशि का 31 फीसदी यानी 10,008 करोड़ रुपए आगामी 1 से 5 सालों में चुकाने हैं जबकि 19,466 करोड़ रुपए ऋण का भुगतान 5 सालों में करना है।

Vijay