सोलर रूफ टॉप से बिजली खरीद पर सरकार का यू-टर्न

Wednesday, Oct 17, 2018 - 10:05 AM (IST)

शिमला (देवेंद्र): सोलर रूफ टॉप प्लांट से बिजली खरीदने के फैसले पर सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। बीते जून माह में सरकार ने लोगों के निजी सोलर प्लांट से सरप्लस बिजली खरीदकर उन्हें पैसे देने का ऐलान किया था लेकिन अब राज्य सरकार बिजली का पैसा देने की बजाय बैंकिंग आधार पर केवल बिजली ही लेगी। सर्दियों में जब सोलर रूफ टॉप में उत्पादन कम होगा तो उन दिनों लोगों को मुफ्त में बैंकिंग आधार पर बिजली दी जाएगी। यह फैसला सालों से घाटे में चल रहे राज्य के बिजली बोर्ड की वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया गया है। 

उल्लेखनीय है कि जिन लोगों के सोलर रूफ टॉप ग्रिड से जुड़ गए हैं, उनसे बिजली बोर्ड बिजली खरीद रहा है। सोलर प्लांट में उत्पादित होने वाली सरप्लस बिजली को लोग भी बिजली बोर्ड को बेच देते हैं लेकिन अब इसका पैसा नहीं बल्कि बैंकिंग आधार पर लोगों के खाते में बिजली को क्रैडिट किया जाएगा। सरकार का दावा है कि सोलर रूफ टॉप प्लांट लगाने पर 70 फीसदी सबसिडी केंद्र सरकार तथा 10 फीसदी सबसिडी राज्य सरकार दे रही है। 

ऐसे में लोगों के निजी सोलर प्लांट से बिजली खरीदने से बिजली बोर्ड और अधिक कर्जदार होगा। अभी 5 किलोवाट तक के सोलर रूफ टॉप प्लांट को लगाने के लिए अधिकतम 4,000 रुपए प्रति किलोवाट तक की सबसिडी दी जा रही है। राहत की बात यह है कि अब सरकार सबसिडी की राशि को बढ़ाकर अधिकतम 6,000 रुपए प्रति किलोवाट कर सकती है। इससे सोलर रूफ प्लांट लगाना और आसान होगा। 

Ekta