गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा देने के लिए केंद्र से सिफारिश करेगी हिमाचल सरकार

Thursday, Dec 13, 2018 - 08:11 PM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज व पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में गौ विज्ञान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इनका गौरी नामकरण किया जाएगा और इन केंद्रों में गऊओं की नस्ल को सुधारने के लिए शोध भी किए जाएंगे। वीरवार को विधानसभा में कुसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह द्वारा गाय को राष्ट्रीय माता घोषित किए जाने संबंधी प्रस्ताव रखा गया था, जिस पर मंत्री ने विस्तार से योजना से अवगत करवाया। प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए विधायक अनिरुद्ध ने कहा कि प्रदेश की स्थिति यह है कि गाय माता बेसहारा होकर गलियों में गंदगी खाने को मजबूर है। गाय का खर्च प्रति 70 से 80 रुपए होता है जबकि गाय के दूध और गोबर से इससे अधिक पैसा कमाया जा सकता है लेकिन इस संबंध में कभी कोई ध्यान नहीं देता। इसलिए गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की जरूरत है। इस विषय पर विधायिका कमलेश कुमारी, लखविंद्र सिंह राणा, हीरा लाल, किशोरी लाल, सुरेश कश्यप, राजेश ठाकुर, रमेश धवाला व नंद लाल ने विचार रखे।

40 हजार गौवंश घूम रहा सड़क पर

पशुपालन मंत्री ने कुछ आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार 21.49 लाख गौवंश था, जिसमें 2011-12 की जनगणना के अनुसार 40 हजार गौवंश सड़क पर है। उन्होंने सदन में कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार हर जिला में कम से कम एक गौ सैंक्चुरी खोली जाएगी और बड़े जिलों में 2 से 3 गौ सैंक्चुरी खोली जाएंगी। उन्होंने कहा कि गौ माता को राष्ट्रीय माता घोषित करने की सिफारिश केंद्र से की जाएगी। देशी गऊओं की नस्ल को विकसित करने और उनकी पहचान बढ़ाने के लिए गौरी केंद्र बनाया जाएगा तथा यह प्रस्ताव राष्ट्रीय पशु अनुवांशिकी संस्थान को भेजा गया है।

साहीवाल नस्ल के भ्रूण तैयार को मिले 1.95 करोड़ रुपए

वहीं राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत पालमपुर स्थित भ्रूण प्रत्योरोपण प्रशासन द्वारा साहीवाल नस्ल के भ्रूण तैयार करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 1.95 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। इसके तहत साहीवाल, रैड सिंधी नस्ल की गऊओं के सीमन तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि  प्रदेश की गाय के उत्पादों को अलग पहचान दिलाने के लिए देशी गाय के दूध को अलग श्रेणी में रखा जाएगा और उसका अलग ब्रांड बनाकर प्रचार किया जाएगा। 

3 वर्षों में निर्मित हुए 8222 घर, 1414 विवादों की वजह से अधूरे

हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर और पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में पंचायती राज मंत्री ने कह कि गत 3 वर्षों में इंदिरा आवास योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 9636 परिवारों का चयन किया गया है। इनमें से 8222 घर बनकर तैयार हुए हैं जबकि 1414 अभी तक पूर्ण नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को घर मुहैया करवाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बी.पी.एल. सर्वेक्षण के आधार पर लोगों का चयन किया जाता है। 2011 की जनगणना के आधार पर लाभार्थियों का चयन उनकी स्थिति को देखकर किया जा रहा है। मकानों के अधूरे रहने का कारण भूमि विवाद है और कई मामलों में लाभार्थियों की मृत्यु, वृद्धावस्था, एकल नारी व न्यायालय में मामले विचाराधीन होना भी है।

Vijay