सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करे सरकार, अनुबंध अध्यापकों ने की मांग

Monday, Oct 01, 2018 - 02:13 PM (IST)

घुमारवीं (कुलवंत): वर्ष 2003 से पूर्व नियुक्त अनुबंध अध्यापकों की राज्य स्तरीय बैठक कन्या पाठशाला घुमारवीं में प्रदेश संयोजक कमल राणा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों सहित लगभग 200 सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में संघ की  रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। संघ के सभी जिलों के राज्य कार्यकारिणी सदस्यों कमल राणा, चंद्र मोहन, प्रमोद कपिल, हेमराज ठाकुर, होशियार सिंह, अरुण, अजय शर्मा, अनिल, मोहन लाल शर्मा, राजेश सोनी, राजेंद्र शर्मा, रचना गुप्ता, कश्मीर सिंह व सतीश कुमार आदि ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि उक्त 2003 से पूर्व नियुक्त अनुबंध अध्यापकों के पक्ष में आए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को जल्द लागू किया जाए। 

उन्होंने कहा कि लगभग 3500 अध्यापक जे.बी.टी., सी.एंड वी., टी.जी.टी. व प्रवक्ता 15 मई, 2003 से पूर्व नियमों के तहत अनुबंध आधार पर सरकार द्वारा नियुक्त किए गए थे जिन्हें 8, 10 या 11 साल के लंबे अनुबंध कार्यकाल के बाद नियमित किया गया था। इसी संदर्भ में जोगा सिंह बनाम राज्य सरकार व पूनम कुमारी बनाम राज्य सरकार तथा नरेंद्र सिंह नायक बनाम राज्य सरकार केस संख्या 6785 आफ  2008 माननीय सुप्रीम कोर्ट से फैसला 2015 में आ गया था परंतु लगभग 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी उपरोक्त फैसले को पिछली सरकार द्वारा लागू नहीं किया गया। अभी तक भी यह फैसला वर्तमान सरकार के पास विचाराधीन है। 

उपरोक्त निर्णयों के अनुसार अध्यापकों के अनुबंध सेवाकाल की अवधि को प्रथम नियुक्ति से पुरानी पैंशन के लिए जोडऩे को कहा गया है तथा इस लाभ को प्राप्त करने के लिए सैंकड़ों 15 मई, 2003 से पूर्व नियुक्त अनुबंध अध्यापकों ने याचिका दायर की है परंतु अभी तक भी इन अध्यापकों को पुरानी पैंशन के लाभ से दूर रखा गया है जबकि विद्या उपासकों के मामले में जोगा सिंह बनाम राज्य सरकार इसी तरह के फैसले को पिछली सरकार द्वारा लागू कर दिया गया था। यद्यपि उनकी नियुक्ति उक्त अनुबंध अध्यापकों के बाद हुई थी। अत: संघ मुख्यमंत्री से मांग करता है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को या तो नरेंद्र सिंह नायक या जोगा सिंह के अधार पर जल्द लागू करें ताकि उक्त अनुबंध अध्यापकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा के साथ-साथ न्याय मिल सके।

Ekta