सत्ता प्रायोजित गुंडागर्दी आखिर किसके इशारे पर हो रही : राणा

Thursday, Jan 21, 2021 - 04:31 PM (IST)

हमीरपुर : सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा सुजानपुर नगर पंचायत चुनावों में घटे घटनाक्रम के बाद आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार को जनता के सामने यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी पार्टी के ऐसे कौन से नेता हैं जो सत्ता प्रायोजित गुंडागर्दी को बढ़ावा देकर न केवल सरकार की इमेज को तार-तार कर रहे हैं, बल्कि जनता के चुने हुए विधायक गरिमा को भी ठेस पहुंचा रहे हैं। आज यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दम भरने वाली जो भाजपा अपना अलग चाल,  चरित्र, चेहरा होने का राग अलापती है, उसका घिनौना चेहरा सुजानपुर की जनता ने लगातार तीसरी बार देखा है। उन्होंने सवाल किया कि सत्ता की शपथ गुंडागर्दी करवाने वालों का आखिर सरगना कौन है और प्रदेश सरकार आत्मसमर्पण के मुद्रा में क्यों खड़ी है। 

उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा कि उनकी छवि को तार-तार करने के लिए भाजपा द्वारा तीसरी बार सत्ता प्रायोजित धौंस व गुंडागर्दी का सहारा लिया गया और हर बार भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है। उत्तर प्रदेश और बिहार की तर्ज पर भाजपा के कुछ नेता गुंडागर्दी के सहारे लोकतंत्र का अपहरण करना चाहते हैं और सच की आवाज को दबाना चाहते हैं लेकिन पहले भी उनको मुंह की खानी पड़ी है और भविष्य में भी उन्हें चारों खाने चित होना पड़ेगा। राणा ने कहा कि नगर परिषद सुजानपुर के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर अपना कब्जा जमाने के लिए जिस तरह सरेआम भाजपा नेताओं के इशारे पर कुछ गुंडों द्वारा मानवता की तमाम हदें लांघी गई और एक चुने हुए पार्षद पर मेरे खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करवाने का जिस तरह दबाव बनाया गया, उससे सत्ता पक्ष का घिनौना चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है।

उन्होंने कहा कि तमाम हथकंडे अपनाने के बावजूद भाजपा अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाई है। उन्होंने सवाल किया कि अगर कोई पार्षद अपने परिवार सहित अपने विधायक से मिलने उसके घर जाता है तो क्या यह लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि क्या कोई पार्षद अपनी समस्या अपने विधायक के समक्ष नहीं रख सकता। उन्होंने कहा कि जो पार्टी सुशासन का राग अलापती है और राजनीति में शुचिता की दुहाई देती है, वही पार्टी सत्ता प्रायोजित गुंडों को शह देकर हिमाचल प्रदेश को दूसरा बिहार व उत्तरप्रदेश बनाने की कोशिश कर रही है। 

उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है कि उनकी छवि को तार-तार करने की कोशिश की गई है। उन्होंने स्मरण दिलाते हुए कहा कि 2009 में भी सत्ता पक्ष के इशारे पर मेरे खिलाफ झूठा मुकदमा बनाने का प्रयास हुआ था और तब सरकारी एजेंसियों की जांच के बाद तत्कालीन डीजीपी को प्रेस कांफ्रेंस करके यह कहना पड़ा था कि छानबीन में कुछ नहीं निकला। इसके बाद वर्ष 2017 में चुनावों के दौरान एक बार फिर से सुजानपुर में गुंडागर्दी को बढ़ावा देकर जनता पर दबाव बनाने के साथ-साथ वोटरों को धमकाने की कोशिश की गई लेकिन सुजानपुर की जनता ने ऐसी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब दिया।

अब तीसरी बार एक पार्षद पर यह दबाव बनाया गया कि वह विधायक पर अपहरण का मामला दर्ज करवाए लेकिन पार्षद ने सच्चाई की राह पर चलकर यह दर्शा दिया कि सत्ता प्रायोजित गुंडागर्दी से उसका हौसला टूटने वाला नहीं है। उन्होंने भाजपा सरकार को चेताया कि अगर राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ इसी तरह गुंडागर्दी का सहारा लिया गया और सत्ता के गुंडों को खुली छूट दी गई तो पूरे प्रदेश की जनता चुनावों में भाजपा को करारा सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है। उन्होंने कहा भाजपा के भीतर ऐसी आखिर कौन सी ताकत है जो खुलकर गुंडागर्दी करवाती है और सरकार के होंठ सिल जाते हैं।
 

prashant sharma