सीमा पर घुसपैठ के सवाल पर जवाब दे सरकार : राणा

Thursday, Jun 25, 2020 - 05:46 PM (IST)

हमीरपुर : राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कहा है कि मौजूदा दौर में सत्तासीन सरकार की सियासत लोकतंत्र की व्यवस्था के मायने बदलने में लगी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार की व्यवस्था पर जब कोई सवाल उठाता है तो उसे देशद्रोही करार दिया जाता है। कोई भी पड़ोसी मुल्क जब सीमाओं पर घुसपैठ करता है तो उस पर जब विपक्ष के नाते कांग्रेस सवाल उठाती है तो उसे सेना के शौर्य पर सवाल उठाना बताया जाता है। चीन की घुसपैठ पर उठे सवाल सेना पर नहीं सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए जा रहे हैं।

जिसके जवाब में बीजेपी सरकार सेना का मनोबल गिराने की बात कह कर अपनी जवाबदेही व जिम्मेदारी से लगातार बचती जा रही है। 2004 से लेकर 2014 तक विपक्ष में रहते हुए जो सवाल सीमा और सुरक्षा को लेकर बीजेपी के नेता उठाते थे, तब तो तत्कालीन यूपीए सरकार ने उन सवालों को सेना का अपमान कभी करार नहीं दिया था। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सवाल उठाना जनता और विपक्ष का काम है और यही काम विपक्ष में रहते हुए बीजेपी भी करती रही है, लेकिन अब बीजेपी अपनी जिम्मेदारी व जवाबदेही से बचती हुई, इन सवालों के जवाब को सेना के मनोबल से जोड़ रही है। जबकि सेना के साहस और पराक्रम पर देश की जनता और कांग्रेस को पूरा भरोसा है, लेकिन जब बात सरकार की जिम्मेदारी व जवाबदेही का हो तो यह जिम्मेदारी सरकार पर ही फिक्स होगी। 

उन्होंने कहा कि देश की जनता यूपीए कार्यकाल में सुरक्षा व सरहदों पर उठाए गए बीजेपी के सवालों को अभी भूली नहीं है और अगर बीजेपी के नेता उस समय अपने उठाए गए सवालों को भूल चुके हों तो उन बयानों की सूची कांग्रेस से लेकर आत्मनिरीक्षण कर लें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जब सरकार से जानना चाहा कि क्या भारतीय जमीन पर चीनी सेना ने कब्जा किया है तो बीजेपी के पार्टी अध्यक्ष की ओर से यह कहा जाना कि इससे सेना का मनोबल गिरा है, न न्यायसंगत है और न तर्कसंगत है।

जनता और विपक्ष के सवालों का सामना करने से बचने के लिए अगर बीजेपी सेना जैसी सर्वोच्च संस्था को सियासी मकसद के लिए कवच के रूप में प्रयोग कर रही है तो यह स्थिति देश के लोकतंत्र के लिए कतई सही नहीं है। देश की सीमा व सुरक्षा के अहम सवालों को जिन्हें बीजेपी विपक्ष में रहते हुए लगातार उठाते रही है, अब उन्हीं सवालों के जवाब का अंदाज सेना के शौर्य से जोड़कर बताना गलत होगा। देश को अपने निजी एजेंडे के मुताबिक सवालों को तोड़-मरोड़ कर जवाब देना बीजेपी सरकार की नाकामी का सबूत है और इसे देश की जनता भली भांति समझ रही है। जबकि हकीकत यह है कि जिन पड़ोसी मुल्कों के साथ देश के बेहतर संबंध रहे हैं उन संबंधों को ठीक रखने में भी सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। जिस कारण से देश की सीमाओं पर लगातार खतरा बढ़ा है।
 

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prashant sharma