संकट की घड़ी में ड्राइवरों की विकट होती समस्या पर भी गौर करे सरकार : अभिषेक
Thursday, Apr 30, 2020 - 03:30 PM (IST)
बिलासपुर : प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के चलते देश भर को जरूरत की सप्लाई देने वाला ड्राइवर वर्ग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। पहले से ही सरकारी व सामाजिक उपेक्षा का शिकार यह वर्ग लगातार उपेक्षित रहा है लेकिन अब इस महामारी के दौर में तो इस वर्ग के बजूद पर ही खतरा मंडराने लगा है। इसमें प्राइवेट ड्राइवर व टैक्सी ड्राइवर के साथ निजी वाहनों में ड्राइविंग सेवाएं देने वाले लोगों पर महामारी का कहर सबसे ज्यादा टूटा है।
उन्होंने कहा कि सरकारी उपेक्षा का आलम यह है कि टैक्सी, ट्रक व निजी बसों के चालकों का टैक्स का मीटर लगातार चल रहा है। जबकि लॉकडाउन के कारण किश्तें न चुका पाने की सूरत में इस वर्ग पर कर्जा निरंतर बढ़ रहा है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के बिलासपुर में इस वर्ग से संबंधित हजारों परिवारों को फाकाकशी की नौबत आ गई है। उनकी परेशानी का सबब यह है कि एक ओर खड़े-खड़े वाहनों का टैक्स व ब्याज रोज बढ़ रहा है, तो दूसरी ओर कोई काम न होने की सूरत में यह लोग दो जून की रोटी में हताश व निराश हो चुके हैं। उन्होंने ने सरकार से मांग की कि टैक्सी चालकों व ट्रक चालकों के टैक्स माफ किए जाएं व इनके कर्जे का ब्याज भी माफ किया जाए ताकि इनका मनोबल बना रहे। सामाजिक व सरकारी अपेक्षा के कारण इस पेशे से लोगों का मोह वैसे ही भंग हो रहा है और अब रही सही कसर कोविड-19 महामारी ने पूरी करके रख दी है।
उन्होंने कहा कि जहां हमारे देश में गाड़ी चलाना निकृष्ट पेशा माना जाता है, वहीं विदेशों में वहां की सरकारों ने जरूरी सेवाएं दे रहे इस वर्ग की समस्याओं को समझ कर उनका सामाजिक उत्थान किया है। ताकि इस इंडस्ट्री में ड्राइवरों की कमी न हो सके। हमारे देश व प्रदेश में अगर ड्राइवरों की उपेक्षा का यही रवैया रहा तो वह दिन दूर नहीं जब सरकार व निजी सेक्टर को ड्राइवर मिलना बंद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य भर में लाखों परिवारों के लोग इस पेशे को अपना कर समाज और सरकार को सेवाएं दे रहे हैं। इसलिए इस जरूरी वर्ग को राहत देना सरकार अपनी प्राथमिकता में शुमार करे। अगर ज्यादा नहीं हो सकता है तो कम से कम राज्य द्वारा संचालित बैंकों से लॉकडाउन अवधि की किश्तें व ब्याज सरकार माफ करवाएं ताकि इस वर्ग को भी महसूस हो कि सरकार संकट की घड़ी में ड्राइवरों के साथ खड़ी है।