मुकेश अग्रिहोत्री बोले-सरकार सत्ता के नशे में चूर, संगीन वारदातें भी दिख रहीं मामूली

Friday, Nov 02, 2018 - 09:26 PM (IST)

शिमला: सोलन में सामने आए नागेश हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा दिए गए बयान पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि यदि अपहरण से फिरौती और फिरौती से हत्या के प्रकरण को मामूली घटना कहा जाए तो मुख्यमंत्री यह बताएं कि उनकी नजरों में संगीन अपराध की परिभाषा क्या है? उन्होंने यहां जारी बयान में मुख्यमंत्री के बयान को संवेदनहीन करार देते हुए कहा कि इस प्रकार के बयानों से अपराधियों के हौसले बढ़ते रहेंगे।

ऐसे घटनाओं से शर्मसार हो रही देवभूमि हिमाचल
उन्होंने कहा कि चाहे सोलन में छात्र की दर्दनाक हत्या का मामला हो या मनाली में विदेशी महिला से बलात्कार का केस हो या ऊना में एक नौजवान की पेड़ से लटकाकर हत्या का मामला हो या फिर सिरमौर में एक बच्ची का शव क्षत-विक्षत स्थिति में बरामद होने का मामला हो, इन सभी घटनाओं से देवभूमि हिमाचल शर्मसार हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री ऐसी संगीन घटनाओं को छोटी घटनाएं करार दे रहे हैं जबकि यह बहुत ही दुखद मसला है।

100 के करीब हत्याएं और 250 के आसपास बलात्कार
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था एक चिंता का विषय बनता जा रहा है। प्रदेश में मौजूदा शासन में 100 के आसपास हत्याएं और 250 के आसपास बलात्कार की घटनाएं हो चुकी हैं और यदि सरकार लगातार इन मामलों को दबाने का प्रयास करेगी तो मसले गंभीर होते चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में चूर वर्तमान सरकार को संगीन घटनाएं भी मामूली नजर आ रहीं हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री खुद ही फैसला करें कि क्या पिछले 9 महीनों में प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है।

हाथ झाड़कर काम नहीं चलने वाला
उन्होंने कहा कि हिमाचल अपराध के मामलों में शिखर की तरफ  बढ़ता जा रहा है। सिरमौर के चूड़धार इलाके की एक 7 वर्षीय लड़की लापता हुई और बाद में उसका कंकाल बरामद हुआ। ऊना में भी एक व्यक्ति की 19 दिनों के बाद लाश पेड़ से लटकी हुई मिली। उन्होंने कहा कि ये काफी गंभीर मामले हैं और इस तरह के मामलों से हाथ झाड़कर काम नहीं चलने वाला है।

सरकार मांगे सार्वजनिक माफी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कि सोलन में स्कूली बच्चे की हत्या के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ पुलिस ने जो व्यवहार किया और जिस ढंग से उनसे धक्का-मुक्की और 40 लोगों को हिरासत में लिया, उसके लिए सरकार को सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना से जिन लोगों की भावनाएं आहत हुईं, उन पर भी पुलिस ने धौंस दिखाने का प्रयास किया। ऐसे ही जगह-जगह प्रदर्शनकारियों के खिलाफ  मामले दर्ज किए जा रहे हैं जबकि यह मसले संवेदनतापूर्वक निपटाए जाने चाहिए थे।

Vijay