हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी ग्रीन बैल्ट के प्लाट नहीं ले रही सरकार

Wednesday, Nov 22, 2017 - 09:43 AM (IST)

शिमला : हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी राज्य सरकार हरित क्षेत्रों (ग्रीन बैल्ट) में लोगों के प्लाट नहीं खरीद रही और न ही प्लाट मालिकों को दूसरी जगह जमीन दी जा रही है जबकि उच्च न्यायालय ने शिमला में हरित आवरण को बचाने के लिए निजी प्लाट मालिकों से जमीन खरीदने या इन्हें दूसरी जगह जमीन देने के आदेश दे रखे हैं मगर सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। इस कारण हरित पट्टी में 55 प्लाट धारक न तो निर्माण कर पा रहे हैं और न ही सरकार इनके प्लाट खरीद रही है, वहीं ग्रीन बैल्ट के कुछ प्लाट धारक लगातार राज्य सरकार से निर्माण पर रोक हटाने या फिर दूसरी जगह जमीन देने की कई सालों से मांग कर रहे थे पर सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

ग्रीन बैल्ट के प्लाट धारकों की उम्मीदों पर पानी फेरा
एच.आई.एम./टी.पी.आर.डब्लयू. - ए.जैड.आर./2000-3 दिनांक 7.12.2000 की अधिसूचना के मुताबिक शिमला में 17 ग्रीन बैल्ट अधिसूचित हैं। इनमें निर्माण पर वर्ष 2000 से ही पूरी तरह रोक लगी हुई है। इन क्षेत्रों में लोग पशुओं के लिए शैड तक भी नहीं बना सकते। ग्रीन बैल्ट में ज्यादातर प्लाट राजनेताओं, न्यायिक सेवाओं से जुड़े लोगों, आई.ए.एस., डाक्टर और बिल्डरों ने सालों पहले खरीद रखे हैं। इन्हें आस थी कि देर-सवेर सरकार हरित क्षेत्रों में निर्माण पर लगी रोक हटाएगी। प्लाट धारक बीच-बीच में सरकार से इस रोक को हटाने की भी मांग करते रहे हैं। इसे लेकर कुछ समय पहले सरकार के पास एक प्रस्ताव भी आया था लेकिन सरकार ने उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। वर्तमान में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के ताजा आदेशों ने ग्रीन बैल्ट के प्लाट धारकों की उम्मीदों पर पानी फेरा है।