आर्थिक तंगी में फंसी जनता को झटके पर झटके दे रही है सरकार : राणा

Tuesday, Jul 21, 2020 - 04:40 PM (IST)

हमीरपुर : अब सरकार कोविड-19 व महंगाई के संकट में फंसी जनता का कचूमर निकालने पर आमादा हो चुकी है। डबल इंजन की सरकार अब सत्ता की डबल फोर्स से आम नागरिक का जीना दुश्वार करती जा रही है। महंगाई और महामारी से हाल-बेहाल हो चुके आम नागरिक पर अब किराए का अतिरिक्त बोझ बढ़ा कर जनता पर एक और अत्याचार किया है। कोविड-19 के दौर में आम आदमी की लगातार पैरवी कर रहे राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में सरकार को घेरते हुए यह बात कही है। उन्होंने कहा कि जब से बीजेपी के डबल इंजन की सरकार देश और प्रदेश में सत्तासीन हुई है। तब से अब तक जरूरी चीजों की महंगाई 50 फीसदी तक बढ़ चुकी है। ऐसा लगता है कि जनता को बीजेपी की सरकार को सत्तासीन करने की सजा लगातार दी जा रही है। बीते अढ़ाई वर्षों में आम आदमी का बस सफर 50 फीसदी महंगा हुआ है, लेकिन प्रचंड जनादेश दे चुकी जनता अब सरकार का हर अत्याचार सहने को लाचार व बेबस है। 

उन्होंने कहा कि आम आदमी पर सत्ता का चाबुक चलाकर सरकार जहां एक ओर जनादेश का दुष्प्रयोग कर रही है, वहीं सत्ता का दुरूपयोग भी आम आदमी का दिवाला निकालने के लिए खूब किया जा रहा है। महंगाई की मार से आम आदमी हाल-बेहाल हो चुका है और दूसरी ओर सरकार और उनके सांसद कह रहे हैं कि मोदी सरकार गरीब और श्रमिक की आवाज बनी है। जबकि सच यह है कि गरीब और श्रमिक की आवाज को कुचलने व दबाने के जितने प्रयोग बीजेपी के इस शासन काल में हुए हैं, उतने अंग्रेजी हुकूमत में भी नहीं हुए होंगे। लाचार, बेबस व हैरान-परेशान आम आदमी की इस सरकार में सुध लेने वाला कोई नहीं है। कोरोना की मार झेल रही जनता पर अब जयराम कैबिनेट ने 25 फीसदी किराए का और बोझ डालकर इस वर्ग को रौंदने का भरपूर प्रयास किया है। आर्थिक तंगी झेल रही जनता को झटके पर झटका देते हुए सरकार आम आदमी के लिए आफत का जरिया बनकर रह गई है। 

ऐसा लगता है कि प्रचंड बहुमत की मद में मस्त सरकार को जनता की कोई फिक्र नहीं है। राणा ने कहा कि हर मोर्चे पर फेल और फ्लॉप सरकार जनता को अब खून के आंसु रुला रही है। सत्ता के अहम में सरकार ऐसे बेतुके फैसले ले रही है, जिससे आम नागरिकों की मुश्किलें दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब जनता व विपक्ष के सब्र का बांध टूटने की कगार पर है। प्रदेश सरकार अविलंब विधानसभा सत्र बुलाए जिसमें सरकार के बेतुके फैसलों पर चर्चा की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो चुके हैं, लेकिन सरकार जनता को राहत देने की बजाय उनके किराए, बिजली के बिल व स्कूल की फीसों पर कोई राहत नहीं दे पाई है। उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी से बदहाल आम नागरिक पर अब किराए का अतिरिक्त बोझ डालने का कोई तुक नहीं था। ऐसे में जब आम आदमी आजीविका के संकट से जूझ रहा है, तो बेहतर होता सरकार बस का किराया बढ़ाने की बजाय निजी बस आप्रेटरों को उनसे वसूले जाने वाले विभिन्न टैक्सों को माफ करके उन्हें राहत देती, ताकि जनता पर गैर-जरूरी वित्तिय बोझ नहीं पड़ता।
 

Edited By

prashant sharma