हिमाचल के मंदिरों में पड़े करोड़ों के सोने-चांदी को गोल्ड स्कीम में लगाए सरकार

Thursday, Dec 13, 2018 - 11:15 AM (IST)

ज्वालामुखी (कौशिक): हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में पड़े करोड़ों के सोने-चांदी को सरकार किसी गोल्ड स्कीम में लगाए तो न केवल मंदिरों के कंधों पर से इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हट जाएगी बल्कि गोल्ड स्कीम में लगाने पर मंदिरों को लाखों की आय हर साल ब्याज के रूप में भी मिलती रहेगी। इससे मंदिरों के विकास कार्यों को करवाने में आसानी होगी। वैसे भी प्रदेश के सारे मंदिरों में क्विंटलों के हिसाब से डंप पड़े सोने व चांदी से मंदिरों को कोई लाभ नहीं है उलटा इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मंदिर प्रबंधन के ऊपर होती है।

प्रदेश सरकार किसी बैंक या अन्य बड़ी संस्था से बात करे तो इस खजाने को सुरक्षित हाथों में सौंप कर मंदिरों को इसके बदले में ब्याज मिलेगा जिससे मंदिर को आय होगी। प्रदेश के सभी मंदिरों क्विंटलों के हिसाब से सोना-चांदी फिर से इकट्ठा हो गया है जिसे सरकार किसी योजना में लगाए ताकि मंदिरों को इसका ब्याज मिल सके। मंदिरों में जो चैस्ट और अन्य किस्म के रूम इस सोने-चांदी को रखने के लिए बनाए गए हैं वे महफूज नहीं हैं और न ही वहां पर कोई ठोस सुरक्षा व्यवस्था है। निहत्थे पुलिस के जवानों व गृहरक्षकों ने इस जिम्मेदारी को जैसे-तैसे संभाला हुआ है परंतु सरकार को इस मामले में काई नीति निर्धारित करनी चाहिए। 

इस संदर्भ में सहायक मंदिर आयुक्त एवं एस.डी.एम. ज्वालामुखी राकेश शर्मा ने कहा कि मंदिर न्यास ज्वालामुखी ने प्रस्ताव पारित कर डी.सी. कांगड़ा एवं आयुक्त मंदिर के ध्यान में यह बात लाई है, जैसे सरकार के आदेश होंगे उसके अनुरूप काम किया जाएगा। मंदिर न्यास के सदस्य मधूसूदन शर्मा ने कहा किन्यास की बैठक में प्रस्ताव डालकर डी.सी. को इस संदर्भ में लिखा गया है किवह इस मामले को सरकार केध्यान में लाकर कोई नीति निर्धारित करें। यहां पर मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था उचित नहीं है।

 

Ekta