कोटरोपी में राहत व पुनर्वास कार्यों के लिए सरकार ने जारी किए 5 करोड़

Thursday, Aug 17, 2017 - 11:39 PM (IST)

मंडी/पधर: हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव वी.सी. फारका ने वीरवार को पधर उपमंडल के कोटरोपी पहुंचकर भू-स्खलन से हुए नुक्सान तथा राहत व पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया और बाद में जिला प्रशासन व सभी संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस आपदा के उपरांत जिला प्रशासन व सभी विभागों ने एकजुट होकर राहत व बचाव कार्यों में अपना सहयोग दिया है। आपदा के उपरांत प्रदेश सरकार ने राहत व पुनर्वास कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपए की धनराशि तुरंत जारी की है। जिला प्रशासन के आग्रह पर अतिरिक्त सहायता राशि भी आवश्यकतानुसार प्रदान की जाएगी।

3 स्तर की कार्य योजना तैयार
इस आपदा से उत्पन्न हुई स्थिति से निपटने के लिए 3 स्तर की त्वरित, मध्यावधि व लंबी अवधि की कार्य योजना तैयार की गई है। भू-स्खलन में बह चुकी सड़क को 5 दिनों में बहाल करने का लक्ष्य संबंधित विभाग व प्रशासन को दिया गया है। इसके लिए लगभग 10 मीटर चौड़े रैंप का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक यह सड़क मार्ग यातायात के लिए पूरी तरह से बहाल नहीं हो जाता, तब तक स्कूली बच्चों को आवागमन की विशेष सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। इसके लिए उन्होंने एक समयसारिणी तैयार करने के भी निर्देश दिए। 

मलबा हटाने में जुटी मशनीरी 
मलबा हटाने के लिए 1 टायरयुक्त डोजर, 2 चेन डोजर, 4 पोकलेन ट्रैक्ड एक्सकावेटर, 1 जे.सी.बी. और 1 टिप्पर तैनात किया गया है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि वह सड़क बहाल होने तक अस्थायी बाईपास सड़क मार्ग मंडी-झटींगरी-घटासनी-जोगिंद्रनगर तथा मंडी-पधर-नौहली-जोगिंद्रनगर सड़क में संकरे स्थलों को चौड़ा करने का कार्य तुरंत पूरा करे ताकि यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। 

स्थिति पर लगातार निगरानी की आवश्यकता 
पहाड़ी से मिट्टी व मलबा इत्यादि गिरने की स्थिति की लगातार निगरानी की आवश्यकता है। उन्होंने मलबे के नीचे समीप के नालों से हो रहे पानी के रिसाव की समस्या से निपटने के लिए इसके समुचित रूप से चैनेलाइजेशन के निर्देश दिए, साथ ही अधिक मात्रा में एकत्र हुए पानी को निकालने के लिए किनारों से मलबा हटाकर पानी के बहाव के लिए स्थान बनाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि समस्या के स्थायी समाधान के लिए केंद्र व राज्य के भूगर्भवेता आपसी सहयोग तथा समन्वय से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग व वन विभाग को समय-समय पर निगरानी हेतु बैठकें आयोजित कर आपसी समन्वय से कार्य करने को कहा। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में कैम्पा परियोजना के अंतर्गत पौधारोपण व अन्य कार्य करने को भी कहा।