मोदी सरकार ने शहरी क्षेत्रों में 20 और ग्रामीण क्षेत्रों में 15 प्रतिशत आबादी को गरीबी रेखा के नीचे पहुंचाया: राजेंद्र राणा

Saturday, May 08, 2021 - 05:46 PM (IST)

हमीरपुर : सुजानपुर के विधायक व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने कहा है कि मोदी सरकार देश के लोकतांत्रिक इतिहास की पहली ऐसी सरकार है जिसमें लोग लाचार हैं, हर तरफ हाहाकार है और हालात सरकार के काबू से बाहर हैं। आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि जो भाजपाई यह दावे करते नहीं थकते थे कि मोदी सरकार में भारत विश्व शक्ति बनने की ओर अग्रसर है, आज उन्हीं की हुकूमत में देश की अर्थव्यवस्था पाताल में चली गई है। गरीब आदमी और गरीब होता जा रहा है और उसके लिए 2 जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। गरीबी रेखा से नीचे आने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

उन्होंने कहा ताजा सर्वेक्षण के आंकड़े बताते हैं कि मोदी शासन के दौरान देश के शहरी क्षेत्रों में 20 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 15 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा की चपेट में आ गई है, जो एक चिंताजनक स्थिति है। उन्होंने कहा मोदी सरकार अपने वायदे के अनुरूप ना तो देश के दो करोड़ युवाओं को प्रतिवर्ष नौकरी दे पा रही है और ना ही महंगाई पर नियंत्रण रख पा रही है। उन्होंने कहा नई नौकरियां मिलना तो दूर लाखों युवा मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते बेकार होकर घर बैठ गए हैं और डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार की माया है कि अपने हकों के लिए आज किसान और मजदूर सड़कों पर हैं। देश की परिसंपत्तियां बेची जा रही है। देश को चंद पूंजीपति घरानों के हाथों गिरवी रख दिया गया है। महामारी के इस दौर में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं भी हासिल नहीं हो रही है। 

देश में कहीं लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे तो कहीं भुखमरी से। कहीं अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे तो कहीं दवाइयां नहीं मिल रही। देश में  त्राहि-त्राहि मची है और सरकार ने धृतराष्ट्र की तरह आंखों  पट्टी बांध ली है। राणा ने कहा कि मोदी सरकार को  भाषण बाजी छोड़कर जमीनी हकीकत समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि रोम जल रहा है और नीरो चैन की बंसी बजा रहा है। राणा ने कहा कि आज अरबों रुपए की लागत से बनने वाले संसद भवन और भाजपा कार्यालयों के निर्माण से देश का भला होने वाला नहीं है। न ही गरीब को इससे कुछ लेना देना है। मोदी सरकार को जुमलेबाजी छोड़कर देश की गिरती अर्थव्यवस्था संभालनी चाहिए और आम आदमी का दर्द व पीड़ा समझनी चाहिए।
 

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prashant sharma