सरकार ने NGT में दिया जवाब, अवैध भवनों पर अब सुनवाई जुलाई तक टली

Wednesday, May 23, 2018 - 09:25 AM (IST)

शिमला: सरकार ने मंगलवार को वकील के माध्यम से नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। इसके बाद एन.जी.टी. ने आगामी सुनवाई के लिए 16 जुलाई की तारीख तय की है। इस दिन शिकायतकर्ता और सरकार के वकील के बीच बहस होगी। इससे पहले पिछले सप्ताह 15 मई को शिकायतकर्ता योगेंद्र मोहन ने एन.जी.टी. में अपना जवाब दिया था। इनके 5 जजों की बैंच राज्य सरकार की पुनर्निचार याचिका पर सुनवाई कर रही है। सरकार ने अवैध निर्माण को तोड़ने, अढ़ाई मंजिल की शर्त हटाने, शिमला के प्लानिंग एरिया में निर्माण पर लगी रोक हटाने व 35 डिग्री से ज्यादा की ढलान पर निर्माण की अनुमति के लिए एन.जी.टी. में रिव्यू पिटीशन फाइल कर रखी है। 


उल्लेखनीय है कि एन.जी.टी. ने पिछले साल 16 नवम्बर को अवैध निर्माण को लेकर आदेश दे रखे हैं। इन आदेशों से प्रदेश के 30,000 से ज्यादा अवैध भवनों के नियमितीकरण पर तलवार लटक गई है। इससे भवन मालिकों में हड़कंप मचा हुआ है। भवन मालिकों को राहत देने के लिए सरकार ने इसमें पुनर्विचार याचिका दायर की है। सरकार का तर्क है कि नगर एवं ग्राम नियोजन एक्ट के मुताबिक फोर प्लस वन यानी साढ़े 4 मंजिल तक भवन बनाने की छूट दी जाए। 


भविष्य में नियमों का ध्यान रखा जाएगा, साथ ही सरकार ने शिमला एम.सी. एरिया में निर्माण पर रोक हटाने, अढ़ाई मंजिल की शर्त खत्म करने व 45 डिग्री के ढलान की शर्त हटाने की एन.जी.टी. से गुहार लगाई है। इसी तरह सरकार ने कोर्ट का फैसला कुछ बिंदुओं पर एन.जी.टी. के क्षेत्राधिकार से बाहर बताया है क्योंकि अवैध भवन को रैगुलर करने की फीस का निर्धारण इसने किया है। राज्य के कानून विभाग की राय के बाद सरकार ने इसे एन.जी.टी. के क्षेत्राधिकार से बाहर बताया है, ऐसे में अब प्रदेशवासियों की नजरें इनके फैसले पर टिकी हुई हैं।

Ekta