रैपिड टेस्ट किट सप्लाई में भ्रष्टाचार के आरोपों पर स्थिति स्पष्ट करे सरकार : राणा

Tuesday, Apr 28, 2020 - 05:52 PM (IST)

हमीरपुर : जनता की समस्याओं, शिकायतों व सुझावों पर बोलना किसी भी पार्टी का संवैधानिक अधिकार व विपक्ष की नैतिक जिम्मेदारी है। आपदा के दौर में कोरोना से लड़ाई किसी एक राजनीतिक दल की लड़ाई नहीं है। महामारी के बचाव के लिए समूचा समाज लड़ रहा है। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस लड़ाई को सिर्फ अपनी ही लड़ाई न माने। विपक्ष अगर अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए कोई सलाह दे रहा है तो उसे सहज लें। क्योंकि अक्सर संकट के समय छोटे भी अगर सलाह दें तो उसका बुरा नहीं मानना चाहिए। 

यह बात प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष ने बाहर फंसे लाखों लोगों की फीडबैक पर अगर आवाज उठाई है तो उसे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अनावश्यक बोलने की संज्ञा न दें। जहां तक ज्ञान की बात है तो यह जरूरी नहीं है कि ऊंची कुर्सी पर बैठे लोगों को ज्यादा ईल्म हो। कई बार जमीनी हकीकत से रूबरू पंचायत प्रतिनिधि को भी विधानसभा या लोकसभा प्रतिनिधि से ज्यादा समस्या का ज्ञान हो सकता है। इसलिए संकटकाल में सरकार को बुरा मानने की बजाय समस्या के मूल पर ध्यान देना चाहिए। कोरोना संकट समूचे समाज का भयावह संकट है और इसकी जिम्मेदारी समूचे समाज व पक्ष व विपक्ष की है, ऐसे में सरकार इसे महज अपना संकट ही न माने।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के रैपिड टेस्ट किट सप्लाई करने में मुनाफाखौरी व भ्रष्टाचार को तो अब सरकार के अपने कुछ वरिष्ठ नेता भी उजागर करने लगे हैं। ऐसे में सरकार को अब इस मामले पर भी स्थिति सपष्ट करनी चाहिए। क्योंकि कोविड-19 से निपटने के लिए जनता ने भी रिलीफ फंड में बड़ा योगदान दिया है और जिस राहत की बात सरकार कर रही है उसका बजट भी किसी न किसी टैक्स के रूप में भी सरकार को जनता से ही आता है, ऐसे में अगर रिलीफ बजट में भी मुनाफाखौरी व भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है तो सवाल तो उठेंगे ही? इसलिए सरकार को इस मामले में भी जल्द स्थिति सपष्ट करनी चाहिए। क्योंकि कोरोना रैपिड किट सप्लाई मामले में अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो जिम्मेदारी व जवाबदेही सरकार की ही बनती है।
 

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prashant sharma