नींद से जागी सरकार लेकिन डॉक्टरी की पढ़ाई में भेदभाव क्यों : राणा

punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2019 - 03:52 PM (IST)

हमीरपुर : गैर हिमाचलियों को सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया में कड़ी शर्त जोड़ने पर सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के पुरजोर विरोध के बाद 2 साल से सोई प्रदेश सरकार जागी तो है तथा नियमों में बदलाव भी किया है लेकिन सरकार अभी भी आधी नींद में है तथा अधिकारियों के इशारे पर काम कर रही है।

उन्होंने सवाल किया कि हिमाचली बोनाफाइड होने के बावजूद प्रदेश के बाहर सरकारी व निजी क्षेत्र में जॉब कर रहे लोगों के बच्चों को हिमाचल में डाक्टरी की पढ़ाई में पेंच क्यों फंसा रखा है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई लोग रोजी-रोटी की तलाश में बाहरी राज्यों में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। देश की सेवा में लगे हजारों सैनिक भी परिवार सहित विभिन्न राज्यों में रहकर आजीविका कमा रहे हैं लेकिन उनके बच्चों को हिमाचल में एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई करने में बाहरी माना जाता है, क्योंकि उनकी प्रांरभिक शिक्षा बाहरी राज्यों की होती है। उन्होंने कहा कि ऐसा भेदभाव व पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है जबकि ऐसे परिवारों के बच्चों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए लेकिन सरकार उन्हें बेगाना समझती है।

उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि बाहरी राज्यों में रह रहे हिमाचली लोगों के बच्चों को डाक्टरी की पढ़ाई में प्रारंभिक शिक्षा प्रदेश से करने की बजाये बोनाफाइड हिमाचली को केवल अनिवार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी सरकार इस मुद्दे पर जागी तो लेकिन पूरी तरह से नहीं। एन.आई.टी. हमीरपुर में बाहरी राज्यों के लोगों को भर्ती करने की बात हो या फिर सचिवालय में रेवडिय़ों की तरह भर्ती करने की, ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर सरकार नहीं जागी है। उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर भटक रही है जिसके लिए सरकारी की अफसरशाही भी जिम्मेवार है, क्योंकि 2 साल के बाद भी नईनवेली इस सरकार को तर्जुबा नहीं है तथा अपनी मनमर्जी से अधिकारी सरकार को चला रहे हैं। जिस कारण कांग्रेस पार्टी को विपक्ष में सजग भूमिका निभाकर सरकार को जगाना पड़ रहा है, ताकि प्रदेश की जनता के साथ कोई अन्याय न हो।


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Edited By

Simpy Khanna

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