ग्रामीण विद्या उपासकों को सरकार का तोहफा, हर महीने मिलेगी इतनी सैलरी

Tuesday, Sep 12, 2017 - 07:35 PM (IST)

शिमला: प्रदेश सरकार ने राज्य की प्राथमिक पाठशालाओं में कार्यरत ग्रामीण विद्या उपासकों व ग्रामीण विद्या उपासक (ई.जी.एस.) के मानदेय में बढ़ौतरी की है। अब इन शिक्षकों को 15,000 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। मंगलवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की ओर से इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसके तहत शिक्षकों को सितम्बर माह से बढ़ा हुआ मानदेय दिया जाएगा। इस समय इन्हें 11,160 रुपए प्रतिमाह मानदेय मिल रहा है। इस दौरान प्रदेश में 146 ग्रामीण विद्या उपासक (ई.जी.एस) व लगभग 15 ग्रामीण विद्या उपासक स्कूलों में कार्य कर रहे हैं। राज्य के बिलासपुर, लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर बाकीसभी जिलों में ग्रामीण विद्या उपासक स्कूलों में कार्यरत हैं। बता दें कि सरकार ने हाल ही में इन शिक्षकों के मानदेय में बढ़ौतरी करने का फैसला लिया था। 

स्कूलों मेंं वर्ष 2009 से दे रहे हैं सेवाएं 
अखिल भारतीय अध्यापक महासंघ का कहना है कि उक्त शिक्षक बहुत कम मानदेय पर प्रदेश के  दूरदराज के स्कूलों मेंं वर्ष 2009 से सेवाएं दे रहे हंै। सरकार ने इनके मानदेय में वृद्धि करके इन्हें राहत प्रदान की है। ई.जी.एस. संघ के प्रदेशाध्यक्ष जिया लाल ने इसके लिए सरकार व विभाग का धन्यवाद किया है और मांग की है कि सभी ई.जी.एस. अध्यापकों को ग्रामीण विद्या उपासकों की तर्ज पर जल्द नियमित करके राहत प्रदान की जाए। 

72 दिन का किया था अनशन
वर्ष 2009 में ग्रामीण विद्या उपासकों ने 72 दिन क ा अनशन किया था। इसके बाद एजुकेशन गारंटी स्कीम (ई.जी.एस.) वर्ग से इन्हें ग्रामीण विद्या उपासक (ई.जी.एस.) में परिवर्तित किया गया था। इसके बाद सरकार ने इनका मानदेय 3,000 प्रति महीना किया। कुछ वर्ष बाद इनका मानदेय 7,000 फिर 8,900 तथा उसके बाद 11,160 रुपए प्रतिमाह किया था। अब सरकार ने इनका वेतनमान 15,000 रुपए प्रतिमाह कर दिया है। ग्रामीण विद्या उपासक (ई.जी.एस.) के अलावा इसमें ग्रामीण विद्या उपासक भी हैं जो नियमित नहीं हो पाए हैं। इनकी संख्या लगभग 15 के आसपास है। इनका मानदेय भी सरकार ने बढ़ाकर 15,000 रुपए किया है।