गोपाल हत्याकांड : हत्यारों ने कबूला जुर्म, जीजा-साली सहित 4 गिरफ्तार

Friday, Jun 09, 2017 - 10:07 PM (IST)

डल्हौजी: देर से ही सही मगर डल्हौजी पुलिस ने छात्र गोपाल के हत्यारों को ट्रेस कर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार 24 मार्च को ही गोपाल की हत्या हो गई थी। आरोपी लड़की वंदना ने अपने जीजा व 2 युवकों के साथ मिलकर एक सुनियोजित योजना के तहत गोपाल की हत्या की थी। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 तथा 120 बी के तहत मामला दर्ज कर मुख्य आरोपी छात्रा वंदना, बस चालक अनूप कुमार (लड़की का जीजा) व परिचालक मनीष कुमार के अतिरिक्त एक अन्य नाबालिग को आरोपी बनाया है।

24 मार्च को लापता हुआ था गोपाल
बता दें कि बनीखेत कालेज में अध्ययनरत भलेई उपतहसील के तहत गांव गुद्दाल (औहरा) निवासी गोपाल 24 मार्च को लापता हुआ था। परिजनों को 28 मार्च को उसके लापता होने की सूचना मिली, जिस पर उन्होंने डल्हौजी थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई मगर डल्हौजी पुलिस ने करीब 20 दिन बाद मामला बनीखेत पुलिस चौकी के सुपुर्द कर दिया। पुलिस मामले को गुमशुदगी ही मानती रही। हालांकि परिजनों ने छात्रा वंदना पर शक जाहिर किया था।

27 मई को जलाशय से बरामद हुआ था शव
27 मई को गोपाल का शव चमेरा-1 जलाशय से बरामद हुआ, जिसे टांडा में पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों ने 28 मई को पुलिस चौकी बनीखेत के समक्ष सड़क पर रख कर चक्का जाम किया था। इस दौरान मामले के औपचारिक जांच अधिकारी इंद्र सिंह को निलंबित कर डी.एस.पी. हैडक्वार्टर को जांच अधिकारी नियुक्ति किया गया। लिहाजा गहन जांच-पड़ताल कर पुलिस ने लड़की तथा उसके जीजा को गिरफ्तार किया। पुलिस रिमांड के दौरान उन्होंने कई खुलासे किए।

गला दबाकर हत्या की थी हत्या
जीजा-साली ने कबूल किया कि 24 मार्च को ही उन्होंने मनीष व एक नाबालिग के साथ मिलकर गोपाल का गला दबाकर हत्या कर दी थी तथा 2 दिन बाद उसका शव चमेरा झील में फैंका दिया। मामले की पुष्टि डी.एस.पी. चम्बा वीर बहादुर ने सिंह ने की है। 

फौजी से शादी में बन रहा था रोड़ा
मामले में मुख्य आरोपी वंदना फौजी से शादी करना चाहती थी मगर 3 साल से उसका प्रेम प्रसंग गोपाल से चल रहा था। वंदना गोपाल से पीछा छुड़ाना चाहती थी मगर गोपाल उसे पत्नी मान बैठा था तथा उसके घर आता-जाता रहता था। बताया गया है कि फेसबुक के जरिए वंदना फौजी के सम्पर्क में आई और उसे अपना पति बनाने की ठान बैठी थी। लिहाजा गोपाल इसमें बहुत बड़ा अडंग़ा बन रहा था, जिसे ठिकाने लगाने के लिए उसने अपने जीजा अनूप, मनीष और एक नाबालिग की मदद ली।