10 दिनों के भीतर नए रथ में विराजमान हुए देवता क्षेत्रपाल

Wednesday, Oct 28, 2020 - 06:01 PM (IST)

कुल्लू (ब्यूरो): जिला कुल्लू के लगघाटी में देवता क्षेत्रपाल के नए देव रथ का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। पूजा व प्रतिष्ठा करने के बाद देवता नए रथ में विराजमान हुए। इस रथ को 10 दिनों में तैयार किया गया। इस देवरथ का निर्माण उंगू नामक पेड़ की लकड़ी से किया गया। इसकी लकड़ी माता फुंगणी के जंगलों से लाई गई थी। इस रथ की लकड़ियाें को एक वर्ष पूर्व लाया गया था। इसके बाद लकडिय़ों को मिट्टी में दबाकर रखा गया था और इसे देव आज्ञानुसार बैसाख महीने में मिट्टी से निकाल कर सूखने के लिए रखा गया था।

वहीं नवरात्रों में देव आज्ञानुसार देवता के रथ का निर्माण कार्य शुरू किया गया और 10 दिनों के अंदर नए रथ का निर्माण कार्य पूरा किया गया। इस नए रथ के निर्माण में देवता के हारियानों ने भी सहयोग दिया। ऐसा माना जाता है कि रथ के साथ देवता की पुरानी शक्तियां पुन: लौट आती हैं और रथ को तैयार कर प्राण-प्रतिष्ठा करके इसमें देवता के मोहरों को विराजमान किया गया। इससे पहले देवता क्षेत्रपाल के रथ का निर्माण 10 वर्ष पहले किया गया था।

क्या कहते हैं देवता के कारदार

देवता के कारदार सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि देवता का रथ बनाने में 10 दिन लगे। देवता की आज्ञानुसार नए रथ की प्रतिष्ठा कर रहे हैं। इस दौरान धाम का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी हारियानों ने वैश्विक महामारी से बचाने के लिए पूजा-अर्चना भी की। उन्होंने कहा कि देवता क्षेत्रपाल (थान) जमीन के मालिक हैं, जिसके चलते इस जमीन की फसल इनके हाथ में है तथा घाटी के लोग जब फसल काटते हैं तो पहले देवता थान को देते हैं और अच्छी फसल के लिए देवता से आशीर्वाद लेते हैं। कोरोना को लेकर लगघाटी के अधिष्ठता देवता श्रीकृष्ण के पास घाटी के देवता गए हुए थे और उन्होंने सभी हारियानों को आशीर्वाद दिया है कि लोग एकजुट रहें और अपने देवता के प्रति आस्था बनाए रखें। 

Vijay