वाटर स्पोर्ट्स का केंद्र बनेगी गोबिंद सागर झील

Thursday, Nov 29, 2018 - 04:17 PM (IST)

बिलासपुर (बंशीधर): मानव निर्मित गोबिंदसागर झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की पर्यटन व जल क्रीड़ा विभाग द्वारा एक योजना तैयार की गई है। यदि यह योजना सिरे चढ़ती है तो जल्द ही इस झील में डल झील की तरह शिकारे, पैडल बोट व मोटरबोट चलते हुए दिखाई देंगे। इस योजना को सिरे चढ़ाने तथा झील में पर्यटन की संभावनाओं को तलाशने के लिए बुधवार को पर्यटन विभाग, जल क्रीड़ा विभाग व बी.बी.एम.बी. की टीम ने जिला प्रशासन की ओर से एस.डी.एम. सदर प्रियंका वर्मा की अगुवाई में झील का विभिन्न स्थानों पर संयुक्त निरीक्षण किया। जानकारी के अनुसार इस झील में केवल अगस्त से लेकर फरवरी तक ही हर साल पानी रहता है जबकि बाकी दिनों में झील का जलस्तर काफी नीचे चला जाता है। 

यहां पर जल क्रीड़ाओं व बोटों को चलाने के लिए करीब 700 फुट पानी की जरूरत रहेगी तथा बिलासपुर से लेकर 15 किलोमीटर तक के क्षेत्र को जल क्रीड़ा के लिए उपयुक्त पाया गया है। 700 फुट पानी का लेवल बरकरार रखने के लिए प्रदेश सरकार को भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड से करार करना होगा। बताया जा रहा है कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड ने प्रारंभिक स्तर पर इसके लिए हामी भर दी है। यदि यह योजना सिरे चढ़ती है तो बिलासपुर में न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। 

विभाग ने किया प्रारंभिक आकलन 
पर्यटन विभाग के जनसूचना अधिकारी रितेश पटियाल ने बताया कि गोङ्क्षबद सागर झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का अभी तक प्रारंभिक आकलन किया गया है। एस.डी.एम. सदर प्रियंका वर्मा ने बताया कि बुधवार को झील का निरीक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग पर्यटन की दृष्टि से स्थलों को चिह्नित करके जिला प्रशासन को देगा और उसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। 
 

Ekta