कूड़े से भर गई गोबिंद सागर झील, हर दिन कूड़ा हो रहा डंप

Thursday, Aug 22, 2019 - 11:01 AM (IST)

बिलासपुर (प्रकाश): जीवनदायिनी गोबिंद सागर झील को लेकर शासन-प्रशासन से लेकर आम लोग भी उदासीनता अख्तियार किए हुए हैं। बिलासपुर शहर से गुजरने वाली गोबिंद सागर झील का आज आलम यह है कि इसमें विभिन्न क्षेत्रों में कूड़ा-कचरा व गंदगी मिल रही है। लुहणू मैदान के साथ खैरियां में बनी डंपिंग साइट से कूड़ा गोबिंद सागर झील में मिल रहा है। यह न केवल पर्यावरण के लिए घातक है बल्कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) के नियमों की भी अवहेलना है। बावजूद इसके बिलासपुर नगर परिषद का तमाम कूड़ा-कचरा खैरियां की डंपिंग साइट में गिर रहा है और यहीं से गोबिंद सागर झील के पानी में जहर घोल रहा है।

क्षमता से अधिक डंप हो रहा कूड़ा

बिलासपुर शहर में हर रोज तीन से चार टन कूड़ा-कचरा निकलता है। इसे नगर परिषद की गाडिय़ां घर-घर से एकत्रित कर झील किनारे नगर परिषद की डंपिंग साइट पर फैंक देती हैं लेकिन वर्तमान समय में इस डंपिंग साइट की क्षमता पूरी हो चुकी है लेकिन फिर भी इस डंपिंग साइट पर कूड़ा फैंका जा रहा है। अब इस डंपिंग साइट पर इतना कूड़ा इकट्ठा हो चुका है कि वह अब झील में गिरना शुरू हो गया है। ऐसे में जहां नगर परिषद की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है, वहीं पूरे मामले को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी खामोश है। हालांकि एन.जी.टी. के साफ  आदेश हैं कि नदी में किसी भी हाल में कूड़ा-कचरा नहीं जाना चाहिए। 

अधर में लटका पनोह डंपिंग साइट का कार्य

कंदरौर के पनोह स्थान में बिलासपुर, घुमारवीं, नयनादेवी व शाहतलाई नगर परिषदों से निकलने वाले कूड़े के लिए डंपिंग साइट का एक कलस्टर बनाया जाना था लेकिन पनोह में चिन्हित किए गए स्थान पर ग्रामीणों द्वारा विरोध प्रकट करने पर इस डंपिंग साइट का कार्य अधर में लटक चुका है जिस कारण नगर परिषद बिलासपुर को कूड़ा फैंकने के लिए कोई उचित स्थान नहीं मिल रहा है। इस संबंध में नगर परिषद बिलासपुर की कार्यकारी अधिकारी उर्वशी वालिया ने बताया कि गत दिनों हुई बारिश के कारण डंपिंग साइट का कूड़ा नदी में बह गया था। जे.सी.बी. के माध्यम से झील की तरफ गिर रहे कूड़े को हटाया जाएगा जिसके बाद झील की तरफ दीवार लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

 जे.सी.बी. से धकेला जा रहा कूड़ा-कचरा

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मनाही के बावजूद कूड़े का यह विशाल ढेर चुपचाप जे.सी.बी. की सहायता से गोबिंद सागर झील में धकेला जा रहा है। इससे लुहणू घाट और नालयां का नौण घाट से प्रतिदिन आने जाने वाले किसानों, स्कूल, कालेज के छात्र-छात्राओं और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जगदीश चंदेल, गौरा देवी, प्रकाश चंद, नंद लाल और सोहनलाल आदि ने स्पष्ट किया है कि इससे प्रकार का जल प्रदूषण कर रहा है। उधर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी आर.के. नड्डा ने कहा है कि यह बात अब उनके ध्यान में आई है और वे इस मामले को जिला प्रशासन के ध्यान में भी लाएंगे और कूड़ा-कचरा गोबिंद सागर में फैंके जाने के लिए नगर परिषद के विरुद्ध उचित कार्रवाई करेंगे।

Edited By

Simpy Khanna