गोबिंद सागर झील में पसरा सन्नाटा, मोटरबोट चालकों ने की हड़ताल

Tuesday, Nov 06, 2018 - 03:18 PM (IST)

बिलासपुर (मुकेश): गोबिंद सागर में चलने वाले मोटरबोटों का किराया बढ़ाने की मांग को लेकर मोटरबोट संचालकों ने अपने अल्टीमेटम पर अमल करते हुए हड़ताल का बिगुल बजा दिया। हड़ताल के कारण बिलासपुर से लेकर भाखड़ा तक जलाशय में सन्नाटा पसरा रहा। एक भी मोटरबोट लहरों पर नजर नहीं आया। इसके चलते मोटरबोटों के माध्यम से जलाशय के उस पार से बिलासपुर आने वाले लोगों को अत्याधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि दोपहर बाद के समय प्रशासन से आश्वासन मिलने पर मोटरबोट संचालकों ने हड़ताल स्थगित कर दी। लेकिन उन्होंने दो टूक कहा कि यदि 2 दिनों के भीतर किराया नहीं बढ़ाया गया तो अनिश्तिकालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। 


भाखड़ा बांध की वजह से अस्तित्व में आया गोविंद जल परिवहन का एक सशक्त माध्यम है। बिलासपुर से भाखड़ा तक लगभग 165 मोटरबोट करीब 100 रूटों पर चल रहे हैं। सड़क मार्ग की तुलना में मोटरबोट की यात्रा काफी सस्ती पड़ती है और साथ ही इसमें समय भी कम लगता है। उदाहरण के तौर पर मोटरबोट में बिलासपुर से ऋषिकेश का किराया 4 रुपए निर्धारित है और इसमें 10-15 मिनट लगते हैं। इसकी तुलना में सड़क मार्ग से किराया 8-9 गुना अधिक है और समय भी 50-60 मिनट लगते हैं। ऐसे में गोबिंद सागर के उस पार की दर्जनों पंचायतों के हजारों लोग मोटरबोटों के माध्यम से ही बिलासपुर आते-जाते हैं। इनमें सैकड़ों स्कूल-काॅलेज के विद्यार्थी और कर्मचारी भी शामिल हैं।

मोटरबोट संचालक पिछले काफी समय से किराए में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पूर्व में न्यूनतम किराया 3 रुपये था। 2012-13 में एक रुपए की बढ़ोतरी करके इसे 4 रुपए किया गया था। तब से लेकर आज तक डीजल के दाम दुगने हो चुके हैं। मोटरबोट बनाने के लिए प्रयोग की जाने वाली लकड़ी महंगी होने के साथ ही अन्य खर्च भी बढ़ गए हैं। न्यूनतम किराया 8 रुपए करने की मांग को लेकर उन्होंने 5 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया था। मांग पूरी न होने उन्होंने हड़ताल शुरू कर दी। इसकी वजह से बिलासपुर से भाखड़ा तक एक भी मोटरबोट अपने रूट पर नहीं चला। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा। चूंकि गोबिंद सागर से सटे ग्रामीण इलाकों में बस सुविधा भी नाममात्र ही है। ऐसे में मोटरबोट न चलने की वजह से गंतव्य पर पहुंचना लोगों के लिए मुश्किल हो गया।

हड़ताल की सूचना मिलने पर प्रशासन भी हरकत में आया। सहायक आयुक्त सिद्धार्थ आचार्य ने लुहणू पहुंचकर मोटरबोट संचालकों से मुलाकात कर उन्हें डीसी के साथ वार्ता का निमंत्रण दिया। इस पर मोटरबोट संचालक डीसी विवेक भाटिया के पास पहुंचे। उन्होंने अपनी मांग एक बार फिर से दोहराई। डीसी ने उन्हें आश्वस्त किया कि 2 दिनों के भीतर उनकी मांग पूरी कर दी जाएगी। यह आश्वासन मिलने पर मोटरबोट संचालकों ने हड़ताल स्थगित करने का निर्णय ले लिया। गोविंद सागर जलपरिवहन समिति बिलासपुर के अध्यक्ष सोहनलाल और महासचिव परसराम ने कहा कि यदि आश्वासन के अनुरूप 2 दिनों के भीतर किराया नहीं बढ़ाया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।

Ekta