दूसरों के घरों में पनाह लेने वालीं लड़कियां अब पूरी तरह से रहेंगी सुरक्षित

Wednesday, Nov 29, 2017 - 03:55 PM (IST)

चंबा (विनोद): चंबा जिला में बालश्रम पर पूरी तरह से नुकेल कसने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मंगलवार को डी.सी. कार्यालय में बाल एवं किशोर प्रोहिबिशन एवं रैगुलेशन एक्ट 1986 के तहत गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्ष डी.सी. चंबा सुदेश मोख्टा ने की तो साथ ही इसमें जिला बाल संरक्षण अधिकारी, सी.डब्ल्यू.सी. अध्यक्ष, चाइल्ड लाइन चंबा व श्रम विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी व पदाधिकारी मौजूद रहे। बैठक में कई कड़े कदम उठाने के लिए डी.सी. चंबा ने निर्देश जारी किए तो साथ ही कई कल्याणकारी कार्यों को अंजाम देने में भी सहमति बनी। 


जिला में नहीं कोई पुख्ता व्यवस्था
बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि कोई बच्चा अपनी गरीबी के कारण दूसरे के घर में काम करने के लिए पनाह लिए हुए है, अगर उसे वहां से निकाला जाए तो फिर उसे सरकारी स्तर पर रहने की कोई व्यवस्था नहीं है। श्रम कानूनों में यह बात शामिल है कि ऐसे बच्चों के लिए फोस्टर होम की व्यवस्था होनी चाहिए लेकिन जिला चंबा में ऐसी कोई व्यवस्था अभी तक मौजूद नहीं है। ऐसे में अगर प्रशासन अथवा संबन्धित विभाग चाहे भी तो ऐसे बच्चों को पनाह देने में सफल नहीं हो सकता है। 


श्रम कानूनों का जिला चंबा में कड़ाई से हो पालन
डी.सी. चम्बा सुदेश मोख्टा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जिला चंबा में 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्चे से काम करवाने वालों के खिलाफ श्रम कानूनों के तहत कार्रवाई की जाए। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा। डी.सी. सुदेश मोख्टा ने कहा कि इस बात को भी पुख्ता बनाया जाए कि श्रम कानूनों के अनुसार कामगारों को हर 3 घंटे के बाद आधा घंटे का आराम करने का समय दिया जा रहा है की नहीं, वहीं 14 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों से 5 घंटे से अधिक काम तो नहीं लिया जा रहा है, इस बात को भी सुनिश्चित बनाया जाए। 


14 से 18 वर्ष के काम करने वालों का पहचान पत्र बनें
बैठक में डी.सी. चंबा ने संबन्धित विभागों को निर्देश जारी किए कि जिला चम्बा के ढाबों व होटलों में कार्य करने वाले 14 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों का पहचान पत्र बनाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि ये किशोर जहां कार्य कर रहे हैं उन लोगों को ये सख्त निर्देश जारी किए जाएं कि अपने यहां कार्य करने वाले किशारों के वे पहचान पत्र बनाएं और उनमें उक्त किशोर की जन्मतिथि अवश्य लिखी जाए ताकि यह पता चल सके कि उक्त किशोर कहीं 14 वर्ष की आयु से कम तो नहीं है। जो ढाबा व होटल मालिक इन आदेशों को अमलीजामा नहीं पहनाता है, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए। 


नाबालिगों की सुरक्षा बेहद गंभीर विषय
बैठक में लोगों के घरों में बतौर नौकर रहने वाली 14 से 18 वर्ष की लड़कियों के विषय पर चर्चा करते हुए डी.सी. चम्बा ने कहा कि यह बेहद गंभीर समस्या है क्योंकि समाज के कमजोर वर्गों से संबंधित उन लड़कियों का शोषण आसानी के साथ होने की आशंका बनी रहती है जोकि दूसरों के घरों में काम करती हैं। ऐसी किशोरियों की सुरक्षा के प्रति गंभीरता दिखाना बेहद जरूरी है। ऐसे में श्रम विभाग चम्बा घरों में रहने वाली ऐसी सभी किशोरियों का पता लगाकर उनका पंजीकरण करे तो साथ ही चाइल्ड लाइन, सी.डब्ल्यू.सी व डी.सी.पी.ओ. ऐसी किशोरियों के साथ समय-समय पर संपर्क कर उनकी स्थिति बारे जानकारी हासिल करे ताकि इन किशोरियों का कोई किसी भी प्रकार का शोषण न कर पाए।  


विभिन्न संगठनों के साथ बैठकें की जाएं
डी.सी. चंबा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि श्रम विभाग जिला व्यापार मंडल, जिला ट्रक आप्रेटर यूनियन, शिक्षा विभाग व परियोजना के प्रतिनिधियों के साथ बाल श्रम कानूनों को लेकर एक बैठक आयोजित करे ताकि इन संगठनों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने में मदद मिल सके।