भगवान ने सताया तो इंसानों ने भी रुलाया रमेश

Saturday, Jul 21, 2018 - 05:36 PM (IST)

घुमारवीं: घुमारवीं उपमंडल की ग्राम पंचायत तलवाड़ा के गांव छाडल का 53 वर्षीय अधेड़ अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहा है। हैरानी इस बात की है कि कोई भी समाजसेवी संस्था, इंसान व सरकार उसके आंसू पोंछने की हिम्मत तक नहीं जुटा रही है। इसके चलते उपरोक्त परिवार की आॢथक हालत कमजोर होती जा रही है। रमेश कुमार को आई.आर.डी.पी. में भी शामिल नहीं किया गया है। तलवाड़ा पंचायत उपप्रधान धनीराम ने बताया कि रमेश कुमार अंत्योदय परिवार से संबंध रखता है तथा सरकार को भी रमेश कुमार के लिए मकान बनाने का प्रस्ताव भेजा है।


हाथ का अंगूठा न होने से नहीं मिला डिपो में राशन
जैसे ही वह प्रस्ताव सरकार द्वारा स्वीकृत होगा तो रमेश कुमार को मकान भी मुहैया करवा दिया जाएगा। रमेश कुमार ने बताया कि उसके दोनों हाथ किसी हादसे में कट गए थे। अब वह बिल्कुल असहाय होकर रह गया है। इसी सिलसिले में खाद्य आपूर्ति घुमारवीं के कार्यालय में पहुंचे रमेश कुुमार ने बताया कि उस समय उसके पैरों के नीचे की जमीन ही खिसक गई जब वह नजदीक के राशन के डिपो में सामान लेने गया था। जैसे ही उसका नंबर आया तो वहां तैनात कर्मचारी ने उसे बैरंग लौटा दिया। कर्मचारी ने कहा कि जो मशीन उनके पास सरकार द्वारा दी गई है उसमें अंगूठा का निशान लगाना आवश्यक है।


परिवार के सभी सदस्य बीमार
उधर, रमेश कुमार ने बताया कि उसके पिता 86 वर्षीय हरभज बीमार रहते हैं तथा उसकी 80 वर्षीय माता जय देवी का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है जबकि उसकी स्वयं की पत्नी जय देवी डिस्क की मरीज है तथा वह घर पर ही रहती है। प्रदेश विकलांग संघ प्रधान सरवन कुमार लखनपाल ने कहा कि ऐसे इंसान की मदद के लिए सबको आगे आना चाहिए। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई कि सरकार उसके माता-पिता के जीवन निर्वहन के लिए उसकी मदद करें।

Kuldeep